कॉलेज में प्राचार्य की नियुक्ति मामला : यूनिवर्सिटी प्रकुलगुरु को कोर्ट राहत

Vice-Chancellor relief from High Court in appointment of Principal
कॉलेज में प्राचार्य की नियुक्ति मामला : यूनिवर्सिटी प्रकुलगुरु को कोर्ट राहत
कॉलेज में प्राचार्य की नियुक्ति मामला : यूनिवर्सिटी प्रकुलगुरु को कोर्ट राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्धा के एक कालेज में प्राचार्य की नियुक्ति को लेकर विवादों में घिरे प्रकुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले को कोर्ट से फिलहाल राहत मिली है। उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बीते दिनों वर्धा के स्वावलंबी कॉलेज ऑफ एज्युकेशन काॅलेज के प्राचार्य की नियुक्ति के मामले में नागपुर विश्वविद्यालय के प्रकुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले को कड़ी फटकार लगाई थी। मगर अब कोर्ट ने उन्हें राहत दी है। दरअसल डॉ. यवले पर अपात्र उम्मीदवार डॉ. उमाजी नाल्हे को प्राचार्य के रूप में मान्यता देने का आरोप लगा था, जिस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी। इस प्रकरण में नागपुर विवि द्वारा अर्जी दायर कर कोर्ट को सारी वस्तुस्थिति बताई गई। आवेदन में कोर्ट को बताया गया था कि उन्हें संबंधित विभाग के आधार पर जो जानकारी दी गई, उसी अाधार पर उन्होंने मान्यता प्रदान की थी। उनका इस प्रकरण में कोई व्यक्तिगत दखल नहीं था। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनकर कोर्ट ने अपने आदेश में प्रकुलगुरु को लगाई फटकार वापस ले ली और आगे से उन्हें सतर्क रहने के निर्देश भी दिए हैं। 

डॉ. पुंसे ने दी थी चुनौती
दरअसल विवि प्रकुलगुरु डॉ. येवले जब सितंबर 2017 में प्रभारी कुलगुरु के रूप में विवि का कार्यभार संभाल रहे थे, तब उन्होंने वर्धा के स्वावलंबी कॉलेज ऑफ एज्युकेशन में ग्रंथपाल डॉ. उमाजी नाल्हे को कार्यकारी प्राचार्य के रूप में मान्यता दी थी, जबकि कॉलेज प्रबंधन वहां के प्राध्यापक डॉ. दीपक पुंसे को कार्यकारी प्राचार्य बनाने का मन बना चुका था। डॉ. पुंसे ने विवि के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विवि का फैसला रद्द करके डॉ. पुंसे को कार्यकारी प्राचार्य बनाने का आदेश जारी किया। साथ ही कोर्ट ने डॉ. येवले को चेतावनी दी थी कि आगे से ऐसी हरकत दोहराने पर उन्हें प्रकुलगुरु पद से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। कोर्ट के फैसले से येवले को राहत मिली है।


 

Created On :   22 Jan 2018 7:42 AM GMT

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