विदर्भ पहली बार बना रणजी चैंपियन, 7 बार की चैंपियन दिल्ली को हराया
डिजिटल डेस्क, नागपुर/इंदौर। विदर्भ ने 7 बार की चैंपियन टीम दिल्ली टीम को 9 विकेट से हराकर रणजी खिताब अपने नाम कर लिया है। विदर्भ पहली बार रणजी चैंपियन बना है। नौवीं बार रणजी फाइनल में खेल रहे मुंबई के पूर्व कप्तान वसीम जाफर ने चौका जड़कर अपने करियर में पहली बार खिताबी मुकाबले में विजयी रन बनाया। विदर्भ इस तरह से रणजी चैंपियन बनने वाली 17वीं टीम बन गई है। रणजी चैंपियन बनने के लिए विदर्भ के सामने केवल 29 रन का लक्ष्य था। इसके बाद विदर्भ ने एक विकेट पर 32 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की।
मैच में विदर्भ ने टॉस जीतकर दिल्ली को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया और फिर उसकी टीम को 295 रन पर आउट कर दिया। इसे बाद विदर्भ ने विकेटकीपर अक्षय विनोद वाडकर (नाबाद 133), आदित्य सरवटे (79) और सिद्धेश नेराल (नाबाद 56) के शानदार अर्धशतकों की बदौलत पहली पारी में 7 विकेट पर 528 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। इस तरह विदर्भ ने 233 रन की मजबूत बढ़त हासिल कर ली।
Vidarbha win their maiden @Paytm #RanjiTrophy in Indore pic.twitter.com/SJMEr3uJEf
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) January 1, 2018
मैच के दूसरी पारी में दिल्ली की पूरी टीम 280 रन पर आउट हो गई। इस तरह दिल्ली ने विदर्भ के सामने जीत के लिए 29 रन का लक्ष्य रखा। लगातार दूसरी बार फाइनल की मेजबानी कर रहे होल्कर स्टेडियम में विदर्भ के सामने छोटा लक्ष्य था और उसने कप्तान फैज फजल का विकेट गंवाकर इसे हासिल कर दिया। इस तरह रणजी को अपना नया चैंपियन भी मिल गया।
वसीम जाफर ने 9वीं बार जिताया रणजी खिताब
अगर रणजी रिकॉर्ड लिस्ट पर नजर डालें तो पहली बार फाइनल में पहुंची विदर्भ रणजी ट्रॉफी जीतने वाली 17वीं टीम है। इससे भी रोचक रिकॉर्ड यह है कि वसीम जाफर चैंपियन बनने वाली टीम का 9वीं बार हिस्सा रहे हैं। 9वीं बार वसीम जाफर ने अपनी टीम को रणजी ट्रोफी चैंपियन बनाया। मुंबई के पूर्व कप्तान जाफर 9वीं बार रणजी फाइनल में खेल रहे थे और हर बार उनकी टीम चैंपियन रही। देखा जाए तो उनका फाइनल रेकॉर्ड 100% है। यही कारण है कि वसीम जाफर को भारतीय घरेलू क्रिकेट का सचिन तेंडुलकर कहा जाता है।
Created On :   1 Jan 2018 3:14 PM GMT