पश्चिम महाराष्ट्र में दहाड़ेंगे विदर्भ के बाघ, चांदोली नेशनल पार्क में बढ़ाई जाएगी टाईगर की संख्या

Vidarbhas Tiger will Roar in the West Maharashtra, Number of Tigers will be increase
पश्चिम महाराष्ट्र में दहाड़ेंगे विदर्भ के बाघ, चांदोली नेशनल पार्क में बढ़ाई जाएगी टाईगर की संख्या
पश्चिम महाराष्ट्र में दहाड़ेंगे विदर्भ के बाघ, चांदोली नेशनल पार्क में बढ़ाई जाएगी टाईगर की संख्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पश्चिम महाराष्ट्र के सांगली स्थित चांदोली नेशनल पार्क को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर विकसित करने के लिए राज्य के पर्यटन विभाग ने यहां बाघों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। विदर्भ के चंद्रपुर स्थित ताडोबा वाघ अभ्यारण्य से कुछ बाघ सांगली के चांदोली नेशनल पार्क भेजे जाएंगे। इस संबंध में पर्यटन विभाग और वन विभाग के बीच सहमति बन चुकी है।

राज्य के पर्यॉन मंत्री जय कुमार रावल ने दैनिक भास्कर को बताया कि ताडोबा में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जबकि चांदोली नेशनल पार्क में बहुत कम बाघ है। जिसकी वजह से यहां पर्यटकों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। पर्यटन विभाग ने यहां पर्यटकों संख्या बढ़ाने के लिए बाघों की संख्या बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि ताडोबा में बाघों की संख्या काफी ज्यादा है। इस लिए वन विभाग से यहां से कुछ बाघ सांगली के चांदोली नेशनल पार्क में भेजने को तैयार हुआ है।

इस संबंध में हमारी वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि नेशनल पार्क में स्थित जलाशय के किनारे पर्यटक आवास बनाया जाएगा। साथ ही जलाशय में बोटिंग की भी सुविधा होगी। इसके लिए जलसंसाधन विभाग के पास हमने प्रस्ताव भेजा है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इस स्थान को विकसित किया जाएगा।

122.65 वर्ग किलोमीटर वाला चांदोली सांगली, सतारा व कोल्हापुर तक फैला हुआ है। 1985 में इसे वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किया गया था। जबकि 2004 में राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर इसकी स्थापना हुई है। पुणे से 210 और मुंबई से 380 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस नेशनल पार्क के विकास की काफी संभावनाएं हैं। करीब 8 साल बाद इसी साल 23 मई को चंदोली नेशनल पार्क में लगाए गए कैमरे में एक बाघ नजर आया था। जबकि चंद्रपुर के ताडोबा में आधिकारिक तौर पर 88 बाघ हैं, जबकि वास्तव में इनकी संख्या करीब सवा सौ है। 2016 की रिपोर्ट के अनुसार ताडोबा के कोर व बफर जोन में बाघों की संख्या 88 थी। इन बाघों की गणना के लिए जंगल क्षेत्र में 381 कैमरे लगाए गए थे। 

पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल का कहना है कि ताडोबा में बाघों की संख्या काफी ज्यादा है। इस लिए वन विभाग यहां से कुछ बाघ सांगली के चांदोली नेशनल पार्क में भेजने को राजी हुआ है। इस संबंध में हमारी वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है।

मुख्य वन संरक्षक मुकुल त्रिवेदी का कहना है कि ताडोबा में बाघो की संख्या तेजी से बढ़ी है। ब्रम्हपुरी क्षेत्र में करीब 40 से 50 बाघ हैं। जिनकी वजह से मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस लिए यहां से बाघो को दूसरी जगह स्थांतरित करने की जरुरत है।
 

Created On :   17 July 2018 12:31 PM GMT

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