अनशन पर बैठे शिक्षकों के मुद्दे पर भड़का विपक्ष, गडचिरोली नक्सली हमले में पुलिस उपाधीक्षक निलंबित

Vidhan sabha : Police officer suspended in Naxal attack case of Gadchiroli
अनशन पर बैठे शिक्षकों के मुद्दे पर भड़का विपक्ष, गडचिरोली नक्सली हमले में पुलिस उपाधीक्षक निलंबित
अनशन पर बैठे शिक्षकों के मुद्दे पर भड़का विपक्ष, गडचिरोली नक्सली हमले में पुलिस उपाधीक्षक निलंबित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आजाद मैदान में पुरानी नीति के मुताबिक पेंशन की मांग करते हुए अनशन पर बैठे शिक्षकों के मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों में तीखी बहस हुई। विपक्ष के सदस्यों के सवालों के जवाब देते हुए मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि आघाड़ी सरकार के 15 सालों में खड़ी हुई समस्याओं को हम धीरे-धीरे हल करने की कोशिश कर रहे हैं। इस जवाब से नाराज विपक्षी सदस्य आपत्तिजताते हुए आक्रामक हो गए नारेबाजी करते हुए वेल में आ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। आखिरकार शिवसेना के मंत्री रामदास कदम ने यह कहते हुए विपक्षी सदस्यों को शांत किया कि वे खुद हड़ताली शिक्षकों से बातचीत कर मामले का हल निकालेंगे।

कांग्रेस के वीरेंद्र जगताप ने औचित्य का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पुलिस आंदोलनकारियों को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक ही अनशन की अनुमति दे रही है। जवाब में मंत्री रावल ने कहा कि कांग्रेस-राकांपा के 15 साल के कार्यकाल के चलते कई सवाल अनसुलझे रह गए हैं और मौजूदा सरकार एक-एक कर उन्हें हल करने की कोशिश कर रही है। इस जवाब से नाराज विपक्ष ने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने कहा कि पुलिस लोगों से अनशन का उनका लोकतांत्रिक अधिकार कैसे छीन सकती है। इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। वडेट्टीवार ने हैरानी जताई कि हड़तालियों में एक मंत्री की बहन है फिर भी पुलिस का रवैया ऐसा है। 

रावल के जवाब से नाराज कांग्रेस के शशिकांत शिंदे ने रावल से माफी मांगने की मांग की और विपक्षी सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद मंत्री रामदास कदम ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वे खुद आंदोलकारियों से मिलेंगे और इस मुद्दे का हल निकालने की कोशिश करेंगे इसके बाद विपक्षी सदस्य शांत हुए। बता दें कि नवनियुक्त कृषिमंत्री डॉ अनिल बोंडे की सगी बहन संगीता शिंदे की अगुआई में शिक्षक आजाद मैदान में आंदोलन कर रहे हैं। साल 2005 से पहले बिना अनुदानित स्कूलों में नियुक्ति और बाद में अनुदानित में शामिल होने वाले शिक्षकों की मांग है कि उनकी भर्ती 2005 में हुई है इसलिए उन्हें पुरानी पद्धति से पेंशन मिलनी चाहिए। 

सूखाग्रस्त इलाके के छात्रों को एसटी ने दी 79 करोड़ की छूट

इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा घोषित सूखाग्रस्त जिलों में राज्य परिवहन (एसटी) ने विद्यार्थियों से वसूली जाने वाली 33.33 फीसदी राशि भी माफ कर दी है। सूखा प्रभावित तालुका के 20 लाख 78 हजार 810 विद्यार्थियों को 15 नवंबर 2018 से 15 अप्रैल 2019 के बीच 79 करोड़ 41 लाख 42 हजार 99 रुपए की छूट दी गई है। परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। रावते ने कहा कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास करते हुए राज्य परिवहन महामंडल ने सूखा प्रभावित गांवों को गोंद लेकर वहां पानी पहुंचा रहा है। इस साल 19 मई से 9 जिलों के 12 तालुका में स्थित 19 गावों को एसटी महामंडल पानी पहुंचा रहा है। महामंडल के टैंकर औरंगाबाद, उस्मानाबाद, सातारा, अहमदनगर, बुलढाणा जिलों में महामंडल के बस अड्डों पर स्थित कुओं, नांदेड, नाशिक के एमआईडीसी और परभणी हिंगोली के जिलाधिकारी कार्यालयों से पानी भरकर सूखा प्रभावित गावों तक पहुंचा रहा है। राज्य के 180 तालुका में सूखे जैसी स्थिति के चलते यहां एसटी की ओर से विभिन्न तरह की सहूलियतें दी जा रहीं हैं। 

4416 ड्राईवर-कडंक्टर के पदों पर भर्ती

रावते ने बताया कि राज्य परिवहन महामंडल औरंगाबाद, जालना, परभणी, अमरावती, अकोला, बुलढाणा, यवतमाल, धुले, जलगांव, नाशिक, पुणे और सोलापुर इन 12 सूखा प्रभावित जिलों में ड्राइवर, कंडक्टर के रिक्त पदों पर सरलसेवा के जरिए भर्ती कर रहा है। इन जगहों पर 4416 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन के बाद लिखित परीक्षा लेकर उसके परिणाम जारी कर दिए गए हैं। सरकार ने फैसला किया है कि समान अंक आने पर सूखा प्रभावित जिलों और आत्महत्या करने वाले किसानों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा महामंडल में मराठा आरक्षण लागू करने का फैसला किया गया है और 4416 पदों में से 504 सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित रखा गया है। अगर आरक्षण देने में किसी तरह की परेशानी होगी और उम्मीवार की नियुक्ति नहीं की जा सकेगी तो उन्हें 15 हजार रुपए महीने के कांट्रैक्ट पर नियुक्ति का विकल्प दिया जाएगा। इसके अलावा एसटी ने पिछले साल 27 हजार पेड़ लगाए थे जिसे इस साल बढ़ाकर 50 हजार करने की कोशिश होगी। 

गडचिरोली नक्सली हमला मामले में पुलिस उपाधीक्षक निलंबित

गडचिरोली के कुरखेडा के जांभुलखेडा गांव के पास हुए नक्सली हमले के मामले में पुलिस उपाधीक्षक शैलेश काले को निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार को विधान परिषद में प्रदेश के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने यह घोषणा की। सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य प्रकाश गजभिये ने नक्सली हमले का मुद्दा उठाया था। इस दौरान सदन में विपक्ष के नेता धनंजय ने पुलिस उपाधीक्षक को निलंबित करने की मांग की। इसके जवाब में केसरकर ने कहा कि संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ शहीद पुलिस जवानों के परिवार वालों में तीव्र रोष है। ऐसे में पुलिस उपाधीक्षक को तत्काल निलंबित किया जाता है। केसरकर ने कहा कि गडचिरोली हमले की जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को मिल चुकी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार अगले दो दिनों में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लेगी। केसरकर ने कहा कि गडचिरोली में पुलिस जवानों को ले जाने के लािए संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं हुआ है। केसरकर ने कहा कि शहीद पुलिस जवानों के परिवार के सदस्यों कावेदन आने के बाद 7 दिन में सरकारी नौकरी दी जाएगी। एक सवाल के जवाब में केसरकर ने कहा कि प्रदेश में नक्सली हमले को रोकने के लिए रोबोट और ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। केसरकर ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने रोबोट तैयार किया है। इसका इस्तेमाल करने के बारे में फैसला किया जाएगा। इसके अलावा आधुनीक तकनीकी से लैस ड्रोन का उपयोग लिया जाएगा। केसरकर ने कहा कि साल 2018 में 50 नक्सलियों का खात्मा करने में सफलता मिली थी। इसके बाद इस तरह की घटना हुई है। 

अजनी पुलिस स्टेशन के पीएसआई टेमगिरे निलंबित

इसके अलावा अजनी पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक (पीएसआई) संजय टेमगिरे को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा शराब तस्करों से मिली भगत के आरोपी ट्रैफिक विभाग के सिपाही सचिन हांडे को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। डॉक्टर से 10 लाख रुपए की घूस मांगने के आरोप में पकड़े गए पुलिस उपनिरीक्षक प्रवीण घोडाम के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और उसे नौकरी से निकाला जा चुका है। गृहराज्यमंत्री डॉ रणजीत पाटील ने विधानसभा में यह जानकारी दी। कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने गुरूवार को विधानसभा में नागपुर के अजनी पुलिस स्टेशन में तैनात पीएसआई संजय टेमगिरे द्वारा एक लड़की को परेशान करने और शारीरिक संबंध बनाने की मांग का मुद्दा उठाया था। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में सरकार को निवेदन देने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को डॉ रणजीत पाटील ने बताया कि आरोपी टेमगिरे के खिलाफ आईपीसी के साथ-साथ एट्रोसिटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल उसे निलंबित कर दिया गया है। दरअसल आरोपी हत्या के एक मामले की जांच कर रहा था और वह 25 साल की लड़की के भाई को मामले में फंसाने की धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाने की मांग कर रहा था। आरोपी लड़की को बार-बार पुलिस स्टेशन में बुलाकर बिठाकर रखता था साथ ही उसके मोबाइल पर टिकट भेजकर साथ में फिल्म देखने को कह रहा था। डॉ पाटील ने बताया कि टेमगिरे के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा सीताबर्डी ट्रैफिक विभाग में तैनात सिपाही सचिन हांडे की शराब तस्करी में लिप्तता के सबूत सामने आने के बाद 14 जून को भारतीय संविधान की धारा 311 (2) (बी) के तहत नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। डॉ पाटील ने बताया कि प्रतापनगर पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस उपनिरीक्षक प्रवीण घोडाम को भी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। घोडाम पर अपने साथियों के साथ नागपुर के लाइफ केयर क्लीनिक के डॉक्टरों से 10 लाख रुपए घूस मांगने का आरोप है। उसे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। डॉ पाटील ने बताया कि घोडाम के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। 
 

Created On :   21 Jun 2019 12:55 PM GMT

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