रिपोर्ट में खुली नीति आयोग की पोल, आप भी पढ़ें..

Vigilance report exposed to niti aayog redress public grievances
रिपोर्ट में खुली नीति आयोग की पोल, आप भी पढ़ें..
रिपोर्ट में खुली नीति आयोग की पोल, आप भी पढ़ें..

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता पर काबिज होने के बाद देश में 6 दशक से नीति-निर्माण के काम में लगे योजना आयोग को भंग कर दिया था। पीएम मोदी ने जन शिकायतों के निपटारे के लिए योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग का गठन किया था। मगर हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने केन्द्र सरकार का थिंक टैंक कहे जाने वाले नेशनल इंस्टिट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया यानी नीति आयोग की भी पोल खोलकर रख दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जन शिकायतों के निपटारे के मामले में यह केंद्र सरकार के 52 विभागों में सबसे सुस्त है।

विजिलेंस रिपोर्ट के अनुसार नीति आयोग को एक जनवरी 2015 से 28 दिसंबर 2017 तक 5,883 शिकायतें मिली थीं, जिनमें आयोग द्वारा सिर्फ 54 फीसदी शिकायतों का ही निपटारा किया गया। इस तरह अब आप ही नीति आयोग की सुस्ती का अंदाजा लगा सकते हैं। रिपोर्ट में एक जनवरी 2014 से केंद्र सरकार के 52 मंत्रालयों में लंबित व मंत्रालयों की ओर से निपटाए गए जन शिकायत संबंधी मामलों की जानकारी दी गई है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि 2,677 मामलों में से 774 मामले आयोग के पास एक साल से ज्यादा समय से लंबित हैं।

सुषमा स्वराज के विदेश मंत्रालय ने किया टॉप
जन शिकायतों के निपटारे के मामले में सबसे तेजी से काम करते हुए सुषमा स्वराज के विदेश मंत्रालय ने टॉप किया है। मंत्रालय को मिली 49,558 शिकायतों से सिर्फ एक मामला पिछले एक साल से लंबित है, जबकि 174 शिकायतें दो महीने से भी कम समय से लंबित हैं। ओवरऑल 52 केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों की ओर से जन शिकायतों के निपटारे की औसत दर 97 फीसदी रही है। सरकार के पास पिछले तकरीबन चार साल में 23,87,513 जन शिकायतें आई थीं, जिनमें से 23,22,751 शिकायतों का निपटारा किया गया और 4,111 शिकायतें करीब एक साल से लंबित हैं।

देखिए क्या है जनजातीय मामलों के मंत्रालयों का हाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनजातीय मामलों के मंत्रालयों का हाल भी कुछ ज्यादा सही नहीं है। अंतरिक्ष विभाग और जनजातीय मामलों के मंत्रालयों की ओर से जन शिकायतों के निपटारे की दर 88 फीसदी रही है। नीति आयोग के बाद अन्य सुस्त विभागों में कोयला मंत्रालय द्वारा शिकायतों के निपटारे की दर 84 फीसदी रही है। परमाणु ऊर्जा विभाग ने 93 फीसदी शिकायतों का निपटारा किया है। हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या नीति आयोग को पहले से ही उसके पूर्ववर्ती "योजना आयोग" के पास लंबित कुछ मामले भी मिले थे।

Created On :   29 Dec 2017 5:43 PM GMT

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