#BirthdaySpl: बैग में लकड़ी भरकर करते थे 'बॉक्सिंग', कुछ ऐसी है विजेंदर की कहानी

Vijender Singh celebrates his 33rd birthday today know his interesting facts
#BirthdaySpl: बैग में लकड़ी भरकर करते थे 'बॉक्सिंग', कुछ ऐसी है विजेंदर की कहानी
#BirthdaySpl: बैग में लकड़ी भरकर करते थे 'बॉक्सिंग', कुछ ऐसी है विजेंदर की कहानी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडिया के प्रोफेशनल बॉक्सर विजेंदर सिंह आज अपना 33 वां बर्थड सेलिब्रेट कर रहे हैं। 29 अक्टूबर 1985 को हरियाणा के भिवानी में जन्मे विजेंदर सिंह 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ब्रोन्ज मेडल जीत चुके हैं। इसके बाद से ही विजेंदर सिंह काफी फेमस हुए और तब से लेकर आज तक विजेंदर बॉक्सिंग में कई कामयाबी हासिल कर चुके हैं। बॉक्सिंग में अब एक "गोल्डन नेम" बनकर उभरे विजेंदर सिंह ने वो दौर भी देखा है, जब वो काफी टूट चुके थे और बाद में बॉक्सिंग को चुना। एक समय ऐसा था जब उनके पास "पंचिंग बैग" नहीं हुआ करती थी और वो लकड़ी को बैग में भरकर बॉक्सिंग की प्रैक्टिस किया करते थे। अपनी लाइफ में स्ट्रगल का सामना करके विजेंदर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। आज उनका बर्थडे है और इस खास मौके पर हम आपको उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें शायद ही आप जानते होंगे। 

बस ड्राइवर थे विजेंदर के पिता

 

Image result for vijender singh childhood

 

विजेंदर सिंह बहुत ही गरीब परिवार से आते हैं और उनका जन्म भी हरियाणा के गांव में ही हुआ। भिवानी गांव से ही विजेंदर ने पढ़ाई की और यहीं से उनकी बॉक्सिंग की शुरुआत भी। विजेंदर के पिता एक बस ड्राइवर थे और उन्होंने विजेंदर और उनके भाई की पढ़ाई के लिए काफी मेहनत की है। विजेंदर ने बॉक्सिंग करना भी अपने भाई के साथ ही शुरू किया था। 

 

जिम्नास्ट बनना चाहते थे विजेंदर

 

Related image

 

असल में विजेंदर को बचपन से कोई बॉक्सिंग का शौक नहीं था, बल्कि वो तो एक जिम्नास्ट बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत भी की, लेकिन सफल नहीं हो सके। एक बार विजेंदर जिम्नास्ट के लिए रिजेक्ट हो गए। इसके बाद फ्रस्टेशन में विजेंदर ने जिम्नास्ट को छोड़ बॉक्सिंग में अपना करियर बनाने की सोची और आज विजेंदर इंडिया के प्रोफेशनल बॉक्सर हैं। 

 

लकड़ी को बैग में भरकर करते थे बॉक्सिंग

 

Image result for vijender singh practice

 

जिम्नास्ट में रिजेक्ट होने के बाद विजेंदर ने बॉक्सिंग में करियर बनाने का सोचा। विजेंदर अपने भाई के साथ मिलकर बॉक्सिंग किया करते थे। दोनों भाई दिनभर प्रैक्टिस किया करते थे, लेकिन उनके पिता की इनकम इतनी नहीं थी, कि वो उन्हें पंचिंग बैग मुहैया करा सकें। इसके लिए दोनों भाई घर में ही बॉक्सिंग बैग या पंचिंग बैग बनाकर बॉक्सिंग किया करते थे। इस बैग में विजेंदर फर्नीचर की दुकान से लकड़ी के टुकड़ों को इकठ्टा करते थे और उन्हें बैग में भरकर बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करते थे। 

 

2011 में अर्चना से की शादी

 

Vijender Singh with his wife Archana and son Arbir Singh

 

विजेंदर की लव लाइफ किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है। विजेंदर शादी होने से कई सालों पहले तक अर्चना के साथ रिेलेशनशिप में थे, लेकिन अर्चना की फैमिली ने इस रिश्ते के लिए हां नहीं किया। इसके बाद भी दोनों एक-दूसरे को कई सालों तक डेट करते रहे। अर्चना कांग्रेस नेता सुरिंदर सिंह की बेटी हैं और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं। कई सालों तक रिलेशन में रहने के बाद अर्चना की फैमिली ने इस शादी के लिए हां कर दिया और 17 मई 2011 को विजेंदर और अर्चना शादी के बंधन में बंध गए। दोनों का एक बेटा भी है, जिसका नाम अबीर सिंह है। 

 

बॉलीवुड में भी आजमाया हाथ

 

Image result for vijender singh with akshay kumar

 

बॉक्सिंग में करियर बनाने के बाद विजेंदर सिंह ने बॉलीवुड में अपना हाथ आजमाने की कोशिश की। विजेंदर से साल 2014 में आई "फगली" फिल्म में भी काम किया है। इस फिल्म में उनके साथ अक्षय कुमार भी थे। इस फिल्म में विजेंदर ने एक पुलिस ऑफिसर का रोल प्ले किया था। बॉक्सर और एक्टर के अलावा विजेंदर हरियाणा पुलिस में डीजीपी भी हैं। 

 

जब विवादों में घिरे विजेंदर

 

Image result for vijender singh with wife

 

साल 2013 में पंजाब पुलिस ने अर्जुन अवॉर्ड विनर जगदीश सिंह उर्फ भोला सिंह के घर से 130 करोड़ रुपए की 26 किलो हेरोइन जब्त की थी। उस समय ड्रग डीलर अनूप सिंह ने दावा किया था कि उसने विजेंदर सिंह और उनके दोस्त राम सिंह को कई बार हेरोइन खरीदी थी। पूछताछ में राम सिंह ने हेरोइन खरीदने की बात भी कबूल कर ली थी। ड्रग डीलर के घर से विजेंदर की फोटो भी मिली थी और साथ ही एक कार भी, जो विजेंदर की पत्नी के नाम रजिस्टर्ड थी। इस कार के बाद विजेंदर विवादों में आ गए थे और इस पूरे मामले में विजेंदर के रोल पर सवाल खड़े हो गए थे। 

Created On :   29 Oct 2017 6:37 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story