बन्दरों के आंतक से ग्रामीणों ने किया पलायन - नष्ट कर रहे फसल व घरों के खपरैल

Villagers in trouble for monkey, destroying crops and roof tiles
बन्दरों के आंतक से ग्रामीणों ने किया पलायन - नष्ट कर रहे फसल व घरों के खपरैल
बन्दरों के आंतक से ग्रामीणों ने किया पलायन - नष्ट कर रहे फसल व घरों के खपरैल

डिजिटल डेस्क,ककरहटी/पन्ना। बन्दरों के आंतक से ककरहटी सहित आस पास के ग्रामीण अंचल के लोग इस कदर परेशान हो गए  कि वे गांव छोड़कर ही चले गए । जंगल छोड़कर यहां डेरा डाल चुकी सैकड़ों बंदर की टोली खेती व घरों को इस कदर नुकसान पहुंचा रही है। नुकसान सहन न कर सबने वाले खतीहर मजदूर व छोटे किसान तो गांव छोड़कर चले गए।

रोज करते हैं नुकसान 

इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि बन्दरों ने खासा आतंक मचा रखा है सैकड़ों की तादाद में बन्दर कच्चे घरों में धमाचौकडी मचाकर खपरै़ेल चौपट कर रहे है। हालात इतने बद्तर है कि लोग अपने घरों की छवाई कर नीचे उतर नही पाते और बन्दर उछलकूंद कर पुन:तोड़ डालते है। बन्दर बच्चों व महिलाओं पर हमला कर जख्मी कर रहे है। घरों के अन्दर रखा  समान भी सुरक्षित नहीं बचता। बंदर इतने बैखोफ हाक गए हैं कि घरों के अन्दर घुस कर खाने का सामान, कपड़े बगैरह उठाकर ले जाते है। किसान भी खासे परेशान है क्योंकि उनकी फसलें को भी बंदर नुकसान पंहुचा रहे हैं। 

सब्जी पैदा करना बंद कर दिया

सब्जी पैदा करने वाले लोग बन्दरों इस कदर परेशान है कि उन्हे सब्जी की फसलें पैदा करना ही मुश्किल हो गया है। इस संबंध मे ककरहटी व ग्रामीण अंचल के आमजनों ने सीएम हेल्पलाईन से लेकर वनविभाग एवं जिला प्रशासन से बन्दरों को पकड़ने की मांग अनेंकों बार की लेकिन किसी भी जबाव देह अधिकारियों ने बन्दरों को पकडऩे के लिये आज तक कोई कदम नही उठाया।  ककरहटी निवासी महेश मिस्त्री, रानीपुरा निवासी श्रीराम गौतम, गढीपड़रिया निवासी नरेन्द्र्र खरे, बद्री विश्वकर्मा सहित अनेक लोगों का कहना है कि हम लोग चौबीस घंटे केवल बन्दरों से घरों व खेतों की रखवाली करने के अलावा कोई कार्य नही कर पाते है । छोटे किसानों ने गांव से पलायन करने में ही अपनी खैर समझी और वे महानगरों में मजदूरी करने गांव से पलायन कर चुके है ।

Created On :   12 Aug 2019 2:01 PM GMT

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