ग्रामीणों ने जलाई नक्सली बैनरों की होलीका, खुलकर कर रहे हैं विरोध

Villagers protest against Naxalites, burns poster in gadchiroli
ग्रामीणों ने जलाई नक्सली बैनरों की होलीका, खुलकर कर रहे हैं विरोध
ग्रामीणों ने जलाई नक्सली बैनरों की होलीका, खुलकर कर रहे हैं विरोध

डिजिटल डेस्क। गड़चिरोली। कसनासुर-बोरिया घटना का विरोध व्यक्त करते हुए नक्सली संगठनों द्वारा गुरूवार को आहूत बंद के दौरान ग्रामीण अंचलों के आदिवासियों में नक्सलियों के प्रति तीव्र रोष देखा गया। ग्रामीणों ने कई स्थानों पर लगाए गए बैनरों की होली जलाकर नक्सलियों का विरोध किया। वहीं सड़कों पर बिछाए गए पेड़ों को हटाकर यातायात को भी सुचारू किया। वहीं एटापल्ली तहसील के जारावंड़ी ग्राम में आदिवासियों ने नक्सलियों द्वारा हत्या किए गए गजानन मडावी की स्मृति में एक स्मारक का भी निर्माण किया गया। 

यातायात बाधित करने का प्रयास 
बता दें कि, नक्सलियों ने गुरूवार को बंद के दौरान यातायात व्यवस्था को प्रभावित करने पर ही ध्यान केंद्रित किया। जिसके चलते जिले के अधिकांश स्थानों की यातायात बंद के दौरान पूरी तरह प्रभावित रहीं। पुलिस विभाग द्वारा लोगों के हित और विकास हेतु कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रहीं है। इन्हीं योजनाओं से प्रभावित होकर आदिवासी ग्रामीणों ने बंद के दौरान नक्सलियों का तीव्र विरोध व्यक्त किया। ग्रामीणों ने दिन-दहाड़े सड़क पर उतरकर नक्सली बैनरों और पर्चों की होली जलाई।

वहीं सड़कों पर बिछाए गए पेड़ों को हटाया। बंद के नाम पर नक्सलियों द्वारा जनजीवन को प्रभावित किया जा रहा है। इसके खिलाफ अब ग्रामीणों ने यलगार फूंक दिया है। एटापल्ली तहसील के जारावंड़ी गांव निवासी गजानन मडावी की वर्ष 2015 में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। गजानन मडावी की स्मृति में ग्रामवासियों ने गुरूवार को एक स्मारक निर्माण कर गजानन को श्रध्दांजलि अर्पित की। ज्ञात हो कि, 28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच मनाये गए नक्सली सप्ताह के दौरान भी ग्रामवासियों ने एक होकर नक्सलियों का विरोध किया था। 

गुरूवार को भी ग्रामवासियों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ तीव्र नारेबाजी लगाते हुए नक्सलियों का विरोध जताया गया। गड़चिरोली के अधिकांश क्षेत्रों में अब तक नक्सलियों की दहशत रही है। यहां के लोग नक्सलियों के खौफ के चलते कभी विरोध नहीं करते लेकिन विगत दिनों 40 नक्सलियों की मुठभेड़ में मौत के बाद ग्रामीणों का पुलिस पर विश्वास बढ़ा है और अब वे खुलकर विरोध करने लगे हैं।
 

Created On :   11 May 2018 7:42 AM GMT

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