टाट पट्टी पर बैठ कर बोर्ड परीक्षा दे रहे विद्यार्थी, मानव अधिकार आयोग का हो रहा खुला उल्लंघन

Violation of human rights commission in board exam of MP
टाट पट्टी पर बैठ कर बोर्ड परीक्षा दे रहे विद्यार्थी, मानव अधिकार आयोग का हो रहा खुला उल्लंघन
टाट पट्टी पर बैठ कर बोर्ड परीक्षा दे रहे विद्यार्थी, मानव अधिकार आयोग का हो रहा खुला उल्लंघन

डिजिटल डेस्क दमोह। प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित बोर्ड की परीक्षाओ में हजारो विद्यार्थी परीक्षा केन्द्रो पर जमीन में बैठकर परीक्षा दे रहे है कही डाट पट्टी है तो कही वह भी नही मिलती एक ओर जहां शासन शिक्षा व्यवस्था पर करोडो रूपये खर्च कर रही है वही दूसरी और स्कूल शिक्षा विभाग फर्नीचर की व्यवस्था क्यो नही कर पाता जिससे कि विद्यार्थियो को कुर्सी टैबल पर बैठकर परीक्षा देने का सौभाग्य मिल सके।
    माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा एक मार्च से प्रारंभ हुई हाई सेकेण्डरी एवं हाईस्कूल की परीक्षा मेें जिले के 85 केन्द्रो पर 14 हजार से अधिक हाईसेकेण्डरी एवं 20 हजार से अधिक हाईस्कूल के परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे है यह  भी माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली इन परीक्षाओ की बात करे तो बदहाल बैठक व्यवस्था के साथ मूलभूत सुविधाओ की कमी प्रतिवर्ष नजर आती है और इन्हें प्रतिवर्ष ही सुधारे जाने की बात कह कर इति श्री कर ली जाती है लेकिन  लगातार ही अनेक वर्षो से इस  प्रकार लापरवाहिया लगातार उजागर हो रही है कि कही ना कही बोर्ड इन परीक्षार्थियों के साथ मानव अधिकारो का खुला उल्लघन कर रहा है।
    शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के नाम पर करोड़ो रूपये की योजनाये बनाई जाती है और यह योजनाये कागजो में ही दफन हो जाती है लेकिन इन योजनाओ का  उचित लाभ उस स्तर तक नही पहुंच पाता जिस स्तर के लिये इन योजनाओ को संचालित किया जाता है प्रतिवर्ष लाखो रूपये का फर्नीचर क्रय होने के बाद भी परीक्षार्थी आज भी तकती लिये जमीन पर बैठने के लिये विवश है जबकि राज्य शासन के और मानव अधिकार अयोग के स्पष्ट निर्देश है कि  किसी भी हालत में परीक्षार्थियो को जमीन पर ना बैठाया जाये। 
परीक्षा पूर्व दी जाती है जानकारी
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा के पूर्व परीक्षा केन्द्रो से इस बात की पुष्ठी कराई जाती हैं कि आपकी शाला में फर्नीचर सहित अन्य सुविधाये  पूर्णरूपेण है कि नही इसके बाद ही केन्द्रो की स्वीकृति प्रदान की जाती है लेकिन सुविधाये ना होने के बाद भी इन केन्द्रो पर संपूर्ण सुविधाये होने की बात बता दी जाती है। जिससे कि प्रत्येक छात्र से मनमाना शुल्क भी बसूला जाता है लेकिन उन्हें सुविधाये मुहैया नही कराई जाती है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इन केन्द्रो का निरीक्षण भी करते है लेकिन उनका इन केन्द्रो पर किसी भी प्रकार से ध्यान नही जाता है।
परीक्षार्थियो की बिगड़ जाती है तबियत
जमीन पर बैठा कर परीक्षा देने की मजबूरी के दौरान बच्चो की हालत भी खराब हो जाती है अनेक परीक्षा केन्द्र ऐसे है जहां पर ना तो पानी की ना ही पंखो की सुविधाये उपलब्ध है। ऐसे में जमीन पर बैठकर परीक्षा देने वाले छात्रों  की हालत काफी खराब है। यही कारण है कि अनेक छात्राये चक्कर खाकर या बीमार हो जाती है लेकिन इस दिशा में किसी का  भी ध्यान नही है ।
इनका कहना है-
इस संबंध में समस्त केन्द्र अध्यक्षो को निर्देर्शित किया गया है कि जमीन पर किसी भी छात्र को ना बैठाया जाये तत्काल की फर्नीचर की व्यवस्था कराई जावे।
पीपी सिंह प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी दमोह

 

Created On :   6 March 2018 11:00 AM GMT

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