15 दिन में भी स्वस्थ्य नहीं हो पा रहे वायरल फीवर के मरीज,रोज आ रहे 100 से अधिक केस

Viral fever patients unable to be healthy in 15 days
15 दिन में भी स्वस्थ्य नहीं हो पा रहे वायरल फीवर के मरीज,रोज आ रहे 100 से अधिक केस
15 दिन में भी स्वस्थ्य नहीं हो पा रहे वायरल फीवर के मरीज,रोज आ रहे 100 से अधिक केस

डिजिटल डेस्क, शहडोल। इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 44 डिग्री से ऊपर चल रहा है। चिलचिलाती धूप से बचने के लिए लोग ठंडक ढूढ़ते हैं और सर्द-गरम का यह प्रभाव उन्हें बीमार कर रहा है। परेशानी भी ऐसी कि ठीक होने में 10 से 15 दिन तक लग रहे हैं। हम बात कर रहे हैं इस समय होने वाले वायरल इन्फेक्शन की। पिछले करीब एक माह से वायरल इन्फेक्शन तेजी से बढ़ा है। जिला चिकित्सालय में रोजाना 100 से अधिक मरीज वायरल इन्फेक्शन के पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इस मौसम में वायरल फीवर के लक्षणों में बदलाव दिखाई दे रहा है। आमतौर पर बुखार, गले में खराश और सिरदर्द वाले वाले वायरल फीवर में मरीज को तीन से पांच दिन तक एंटी बायोटिक दवा खाने पर आराम मिलने लगता था। इस समय जो मरीज पहुंच रहे हैं, उनमें बुखार के साथ गले में इन्फेक्शन, लंग्स में इन्फेक्शन, सांस फूलने जैसी समस्या भी दिख रही है। बुखार फेफड़ों पर भी असर डाल रहा है, जिसके चलते खांसी आ रही है। साथ ही रोगियों को निमोनिया भी हो रहा है। इस कारण मरीज को ठीक होने के लिए 10 से 15 दिन तक दवाइयां खानी पड़ रही हैं।

सामान्य दवा नहीं कर रही काम  
जिला चिकित्सालय की ओपीडी में इस समय दोगुने मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें भी 100 से अधिक मरीज वायरल फीवर के होते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वायरल फीवर सामान्य दवा से ठीक नहीं हो रहा है। फीवर के दौरान होने वाला गले का इंफेक्शन फेफड़ों में उतर रहा है, जिससे निमोनिया भी हो रहा है। इसके अलावा मलेरिया, पीलिया, टायफाइड, चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों का असर भी इस मौसम में दिख रहा है।

अभी भी आती है खांसी
पुरानी बस्ती निवासी सुनील शर्मा को करीब 15 दिन पहले बुखार और गले में खराश थी। उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने बताया कि वायरल इन्फेक्शन है। अभी भी उनको हल्की-हल्की खांसी आती है।

बहुत दिन परेशान रहे
वार्ड नंबर 7 निवासी रोशनी को भी करीब एक माह पहले वायरल फीवर हुआ था। उन्होंने बताया कि वे 15 से 20 दिन तक परेशान रहीं। दवाइयों को असर हो ही नहीं रहा था। दिन-रात खांसी आती थी।

दवा के विरुद्ध बढ़ा रेजिस्टेंस 
जिला चिकित्सालय में एमडी मेडीसिन डॉ. धर्मेंद्र द्विवेदी का कहना है कि एंटीबायोटिक दवाओं के खिलाफ वायरस, वैक्टीरिया का रेजिस्टेंस बढ़ गया है। यानि पहले से चली आ रही इन दवाओं का असर इन पर बहुत कम हो रहा है। इसके चलते मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में वायरल इन्फेक्शन बढऩे का सबसे बड़ा कारण सर्द-गर्म का असर है। जब हम ज्यादा गर्मी से ज्यादा ठंडक में जाते हैं और ज्यादा ठंडक से ज्यादा गर्मी में आते हैं तो वायरल की चपेट में आ जाते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान 
एसी से अचानक धूप में और धूप से सीधे एसी में न जाएं।  ज्यादा ठंडा पानी, मिर्च-मसालेदार खाद्य सामग्री का सेवन न करें।   जुकाम, खांसी होने पर गुनगुना पानी पिएं।    छींकते और खांसते समय मुंह पर कपड़ा अवश्य रखें।   घर में किसी को वायरल है तो छोटे बच्चों को उससे दूर रखें। गला खराब हो तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें।

इनका कहना है 
जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। रोजाना 700 से 800 मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें 100 से अधिक मरीज वायरल इन्फेक्शन के रहते हैं। 
डॉ. उमेश नामदेव, सिविल सर्जन

Created On :   30 May 2019 7:33 AM GMT

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