वोटरों के कार्ड हाईजैक, बीएलओ से लेकर खुद बांटने की जुगत लगाए नेता

Voters id cards are distributed by workers of political parties
वोटरों के कार्ड हाईजैक, बीएलओ से लेकर खुद बांटने की जुगत लगाए नेता
वोटरों के कार्ड हाईजैक, बीएलओ से लेकर खुद बांटने की जुगत लगाए नेता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव में मत-प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला निर्वाचन विभाग जी-जान से जुटा है। इस साल प्राप्त 1 लाख 83 हजार 253 वोटर आईडी कार्ड को बांटने के लिए जिला निर्वाचन विभाग ने बीएलओ को ड्यूटी पर लगा दिया है। बीएलओ घर-घर जाकर यह वोटर आईडी कार्ड दे रहे हैं। नियमानुसार यह जिम्मेदारी बीएलओ की है, लेकिन कुछ जगह ये कार्ड राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा बांटने का खुलासा हुआ है। वाड़ी नगरपरिषद अंतर्गत वार्ड क्रमांक-8 में शिवसेना पदाधिकारी द्वारा यह आईडी कार्ड घर-घर जाकर दिए जा रहे हैं। वहीं, हनुमाननगर जोन अंतर्गत एक नगरसेविका के घर जाकर लोग अपने वोटर आईडी कार्ड ले रहे हैं। ऐसे अनेक इलाकों में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा यह आईडी कार्ड बांटने का मामला सामने आया है। 

संबंधितों पर होगी कार्रवाई
मामला गंभीर है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि वोटर आईडी कार्ड नहीं बांट सकते हैं। इन मामलों की जांच करेंगे। अगर मामलों में सत्यता साबित होती है तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। 
-राजलक्ष्मी शाह, उपजिला निर्वाचन अधिकारी, नागपुर 

गैर-सरकारी व्यक्ति की मदद नहीं ली जा सकती
नागपुर जिले में 40.24 लाख मतदाता हैं। 40.24 लाख में से नागपुर जिले में सिर्फ 4 लाख 64 हजार 222 मतदाताओं के पास वोटर आईडी कार्ड हैं। 35 लाख 59 हजार 975 मतदाताओं के पास वोटर कार्ड नहीं हैं। हर साल कुछ मात्र में निर्वाचन विभाग के पास वोटर आईडी कार्ड बनकर पहुंचते हैं। इन्हें बांटने के लिए मतदाता पंजीयन अधिकारी के जरिए बीएलओ को जिम्मेदारी सौंपी जाती है। बीएलओ अपने ब्लॉक शिक्षकों की टीम बनाकर यह कार्ड बांटते हैं। यह राष्ट्रीय कर्तव्य से जुड़ा मामला होने से सरकार द्वारा नियुक्त प्रतिनिधियों को ही कार्ड बांटना जरूरी है। गैर-सरकारी व्यक्ति की इसमें मदद नहीं ली जा सकती है, लेकिन शहर में कई जगह यह कार्ड राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा बांटने का मामला सामने आया है। 

निर्वाचन विभाग सख्त  
इस जानकारी से निर्वाचन विभाग की भौंहे तन गईं हैं। आखिर बीएलओ से यह कार्ड राजनीतिक दलों के पास कैसे पहुंचे, इसे लेकर अब निर्वाचन विभाग ने अपनी जांच शुरू कर दी है। निर्वाचन विभाग ने कहा कि यह गंभीर मामला है। वोटर आईडी कार्ड बांटने की जिम्मेदारी बीएलओ की रहती है। वह अपने टीम में शामिल लोगों की सहायता से यह कार्ड बांटता है। अगर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि यह कार्ड बांट रहे हैं तो मामला संगीन है। इसकी जांच की जाएगी। मामला साबित होता है तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। 

ये मामले आए सामने
वाड़ी नगरपरिषद के वार्ड क्रमांक 8 में शिवसेना के पदाधिकारी सचिन बोंबले ने घरों में जाकर लोगों को वोटर आईडी कार्ड बांटे हैं। बाकायदा इसकी फोटो निकालकर उसकी प्रेस रिलीज भी की है। हमारे संवाददाता के पूछने पर बताया कि पटवारी ने उन्हें बुलाकर यह कार्ड दिए हैं। इसके लिए बाकायदा एक रजिस्टर पर उनके हस्ताक्षर लेकर 232 वोटर आईडी कार्ड सौंपे गए। 

हनुमान नगर में भी आया एक मामला सामने
हनुमान नगर जोन में भी एक नगरसेविका के कार्यालय से वोटर आईडी बांटने का मामला सामने आया। किशोर नामक युवक ने बताया कि उन्होंने काफी साल पहले वोटर आईडी के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक वोटर आईडी नहीं मिलने से भूल गया था।  कुछ महीने पहले फिर वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदन किया। शिक्षक द्वारा आईडी कार्ड बांटने की जानकारी मिली। उनके पास मेरा भी वोटर आईडी कार्ड था। इसके बाद नगरसेविका के कार्यालय के प्रतिनिधि से भी उन्हें आईडी कार्ड मिला। वोटर आईडी कार्ड राजनीतिक दलों के पास पहुंचने के  ये दो उदाहरण सिर्फ बानगी है। शहर में ऐसे कई राजनीतिक प्रतिनिधि हैं, जो इन दिनों अपने कार्यालय या बस्तियों में जाकर वोटर आईडी कार्ड बांट रहे हैं।  
 

Created On :   20 March 2019 5:27 AM GMT

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