दो हैंडपंप जो सालों से नहीं सूखे, ग्रामीण मानते है वरदान

Water is flowing continuously from two handpumps for years
दो हैंडपंप जो सालों से नहीं सूखे, ग्रामीण मानते है वरदान
दो हैंडपंप जो सालों से नहीं सूखे, ग्रामीण मानते है वरदान

डिजिटल डेस्क मंडला। भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से हर कोई दो चार हो रहा है, लेकिन यह खबर लोगों को मई माह की तपन में ठंडक देनी वाली है। ऐसा कभी कभार ही होता है कि पानी की समस्या को देखते हुए गांव में हैंडपंप खनन किया गया और इसके बाद से निकली जलधारा कभी बंद ना हुई हो। मंडला के दो ऐसे गांव है जहां हैंडपंप से पिछले बीस सालो से अनवरत पानी निकल रहा है। ग्रामीण इसे प्रकृति का वरदान मानते है। वहीं देखने सुनने वाले इसे अजूबा कहते हैं।

अनवरत बह रहा पानी
जानकारी के मुताबिक मंडला के जनपद पंचायत घुघरी,मोहगांव की सीमा में बसे गांव बम्हनी और सरईटोला गांव में ऐसे हैंडपंप है, जिनमें मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है। खनन के बाद से  प्राकृतिक रूप से इन हैंडपंप में अनवरत जलधारा निकल रही है। यह सिलसिला करीब बीस से पच्चीस साल से चला आ रहा है। बम्हनी के सरपंच जेहर धुर्वे ने बताया एक समय था जब गांव में पानी की समस्या हुआ करती थी, लेकिन आज भरपूर पानी है। प्रशासनिक तौर पर इन गांव में उस जमाने में हैंडपंप का खनन किया गया। जैसे ही जमीन पर खनन शुरू किया गया। करीब तीस फिट ऊचांई के साथ पानी फुव्वारा फूट पड़ा था। तब से लेकर आज तक कभी भी पानी बंद नहीं हुआ है।

ग्रामीण मानते है वरदान
प्राकृतिक जलस्रोत से गर्मी में निकलने वाला पानी ठंडा होता है तो ठंड के दिनों में गरम हो जाता है। बारहमासी जलप्रदाय करने वाले इन जलस्रोत को ग्रामवासी ईश्वर और प्राकृति का वरदान मानते हैं। वहीं PHE विभाग के अधिकारी तकनीकी तथ्य बतलाते हुए इसे सामान्य घटना कहता हैं। गांव के पास से कुकरा नाला बहता है, जिससे दोनो हैंडपंप का जलस्तर गर्मी में भी एक सा बना रहता है। बेहारा पंचायत के सरपंच हीरालाल धूर्वे व्यर्थ बह रहे पानी को संरक्षित करने की बात कह रहे हैं लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।

कई बार कर चुके प्रयास
क्षेत्र के जनपद सदस्य अरविंद कुशराम ने बताया है कि बम्हनी और सरईटोला में पानी बर्बादी रोकने के लिए कई बार हैंडपंप को बंद करने का प्रयास किया गया, लेकिन पानी के दबाब के कारण सारे इंतजाम फेल ही रहे। गिरते भू जल स्तर से जहां पानी की एक एक बूंद को लोग परेशान हो रहे है। वहीं इन दो गांवो में पर्याप्त पानी यूं ही बह रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि इन स्रोतो से योजना का संचालन किया जा सकता है। यहां तक ग्रामीणों के घर घर पानी पहुंचाया जा सकता है।

इनका कहना है
भूमिगत जल गुब्बारे जैसा है जिसमें खनन करने के बाद पानी प्रेशर से निकलता है। इन गांव में यही हुआ है। काफी लंबे समय से पानी निकल रहा है। इसे बंद भी नहीं किया जा सकता है और ना ही मशीन लगाई जा सकती है।
अमित शाह एसडीओ घुघरी.

 

Created On :   19 May 2018 11:38 AM GMT

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