दो माह से बंद पड़ी है चार गांवों की जलापूर्ति, लाखों का पानी टैक्स बकाया

Water supply of four villages has been closed for two month
दो माह से बंद पड़ी है चार गांवों की जलापूर्ति, लाखों का पानी टैक्स बकाया
दो माह से बंद पड़ी है चार गांवों की जलापूर्ति, लाखों का पानी टैक्स बकाया

डिजिटल डेस्क, गोंदिया । आमगांव एवं सालेकसा तहसील के लगभग 32  गांवों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति बनगांव प्रादेशिक ग्रामीण जलापूर्ति योजना के माध्यम से की जाती है। इसका संचालन गोंदिया जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा किया जाता है। लेकिन ग्राम पंचायतों द्वारा जल कर की राशि नहीं भरे जाने के कारण अनेक बार जलापूर्ति बंद कर दी जाती है। इसी के चलते  इस योजना के अंतर्गत आने वाले ग्राम चिरचाडबांध, कातुर्ली, ननसरी एवं सरकारटोला गांवों की जलापूर्ति पिछले दो माह से बंद है। जलापूर्ति बंद होने से ग्रामीणों को अन्य दूषित जलस्त्रोतों का पानी उपयोग में लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। 

गौरतलब है कि योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला परिषद के जलापूर्ति विभाग को लाखों रुपए के विद्युत बिल प्रतिमाह भरना पड़ता है। लेकिन ग्राम पंचायतों से जल कर की राशि नहीं भरने के कारण कई बार समय पर बिजली के बिल नहीं भरे जाने के  फलस्वरूप विद्युत विभाग द्वारा योजना की विद्युत आपूर्ति खंडित कर दी जाती है। जिसके कारण सभी गांवों की जलापूर्ति ठप हो जाती है एवं उन गांवों के नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है, जो नियमित रूप से जल कर भरते है। इसी के चलते विगत सितंबर माह में जिप के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने आमगांव नगर परिषद सहित सभी गांवों को पूर्व सूचना देकर जल कर की राशि तुरंत भरने की सूचना दी और राशि नहीं भरने पर 15  सितंबर से जलापूर्ति बंद कर देने की चेतावनी भी दी। जिसके बाद आमगांव नगर परिषद ने लगभग 7.50  लाख रुपए बकाया का तत्काल भुगतान कर दिया। अन्य गांवों ने भी अपनी ओर बकाया राशि में से कुछ राशि का भुगतान कर जलापूर्ति प्रारंभ करवा ली। लेकिन दो माह बीत जाने के बावजूद अब तक चिरचाडबांध, कातुर्ली, ननसरी एवं सरकारटोला ग्राम पंचायतों ने पानी पट्टी टैक्स जमा नहीं किया। जिसके कारण अभी भी इन चार गांवों की जलापूर्ति बंद है एवं नागरिक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से वंचित हैं। 

 जलकर के लाखों बकाया,संभव नहीं जलापूर्ति
ग्राम पंचायतों पर जल कर की लाखों रूपए की राशि बकाया है। जलापूर्ति बंद होने पर कुछ राशि भर दी जाती है एवं विभाग भी नागरिकों की आवश्यकता को देखते हुए जलापूर्ति शुरू कर देता है। जबकि इससे समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि जिन ग्राम पंचायतों की ओर 1 लाख रुपए से कम बकाया होगा उन्हीं की जलापूर्ति तत्कालिक रूप से प्रारंभ की जाएगी। राशि भरने के बावजूद भी यदि 1लाख रूपए से अधिक पिछली राशि बकाया है तो जलापूर्ति शुरू नहीं की जा सकती। ग्राम पंचायतों को इस ओर ध्यान देना जरूरी है। नागरिकों को भी समय पर जल कर का भुगतान कर सहयोग करना चाहिए। ताकि उन्हें अबाधित रूप से शुद्ध पेयजल मिल सके। 
- एस. पवार, उपअभियंता जिप ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, गोंदिया

Created On :   16 Nov 2019 7:16 AM GMT

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