जानिए किन वजह से होता है सर्वाइकल, योगासन से करें इलाज

जानिए किन वजह से होता है सर्वाइकल, योगासन से करें इलाज

डिजिटल डेस्क । दफ्तर में काम करने वाले लोगों को अक्सर ही गर्दन में दर्द की शिकायत करते सुना होगा। ऐसे लोग रोज अपनी गर्दन, पीठ दर्द औऱ हेडएक से परेशान रहते हैं। इसे आम दर्द या थकान नहीं समझना चाहिए। इस तरह का दर्द सर्वाइकल प्रॉब्लम की निशानी हो सकता है। सर्वाइकल की प्रॉब्लम के तेजी से बढ़ने की वजह लोगों का बदलता लाइफस्टाइल है। घंटों एक ही जगह पर बैठकर काम करना और लगातार एक ही चीज पर नजर टिकाए रखने वाले लोगों को यह समस्या जल्द हो जाती है। गर्दन के इस दर्द को "सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस" कहा जाता है। ये दर्द गर्दन के पिछले हिस्से से शुरू होकर कंधों से होता हुआ बाजू तक जाता है और समस्या बढ़ जाए तो दर्द रीढ़ की हड्डी तक पहुंच जाता है। हालात उस समय बहुत ज्यादा बिगड़ जाते हैं जब दर्द पैरों के अंगूठे तक पहुंच जाता है।  

 

गलत तरीके से उठना-बैठना

जो लोग एक ही पॉजिशन में बैठकर घंटों काम करते हैं या सिर झुकाए रखते हैं उन्हें यह प्रॉब्लम जल्द हो जाती है। गर्दन झुकाकर काम करने से गर्दन के पिछले हिस्से में ऐंठन शुरू हो जाती है। लगातार काम करने की बजाए बीच बीच में उठते रहे और गर्दन को घुमाते रहे।


बिगड़ता लाइफस्टाइल

खान-पान का सही ध्यान ना देने, मोटापे और फिजिकल एक्टिविटी न करने वाले लोग भी इसके घेरे में आ जाते हैं। 

 

ऊंचा तकिया लेना

सोते समय ऊंचा तकिया लेकर सोना भी सर्वाइकल का कारण बनता है। इससे गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिससे असहनीय दर्द रहने लगता है। 


रीढ़ की हड्डी में चोट

 

रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से भी सर्वाइकल दर्द उठता है। 

 

सर्वाइकल के शुरूआती लक्षण

 

  • गर्दन में जकड़न महसूस होना सर्वाइकल के शुरुआती लक्षण में से एक है। थोड़ी-सी गर्दन झुकाने में भी परेशानी महसूस होती है। इससे आंखों में दर्द भी होने लगता है। 
  • यह दर्द बाजू में भी होता है। इसे आम समझ कर नजअंदाज करना बाद में परेशानी का कारण बन सकता है। 
  • सिर में लगातार भारीपन महसूस होना, गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द शुरू होकर सिर में जाना ।

 

 

5 योगासन दिलाएंगे छुटकारा 

योगासन हर बीमारी का समाधान निकालने में सक्षम है। गर्दन के इस जिद्दी दर्द से राहत पाने के लिए आप इन 5 आसनों का सहारा ले सकते हैं।

 

सूर्य नमस्कार

रोजाना सूर्य नमस्कार करें, इसे करते समय शरीर कई मुद्राओं में मूवमेंट करता है जिससे शरीर को फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है। कमर, कंधों,गर्दन और रीढ़ को स्वस्थ रखने के लिए यह बहुत लाभदायक है। 

 

 

भुजंगासन

यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में बहुत मददगार है। इससे कंधों की जकड़न, गर्दन दर्द और सर्वाइकल की बीमारी से निजात पाई जा सकती है।


मकरासन

सर्वाइकल दर्द के लिए यह बेस्ट ट्रीटमेंट है। इससे रीढ़ की हड्डी का कुदरती आकार बना रहता है। यह आसन रीढ़ की नसों को आराम पहुंचा कर गर्दन और कंधों का दर्द दूर करता है। 


मार्जरासन

इस आसन से रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बना रहता है। इसके अलावा कमर दर्द से आराम पहुंचाने में भी यह बहुत लाभकारी है। 


अर्ध नौकासन

अर्ध नौकासन कंधों के दर्द, कमर और गर्दन के दर्द से बहुत आराम दिलाता है। इससे कब्ज, पाचन क्रिया जैसी और भी कई परेशानियां दूर होती है। 

Created On :   16 Nov 2018 6:36 AM GMT

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