जानवरों को क्रूरता से बचाने अब तक सरकार ने कौन से कदम उठाए : हाईकोर्ट

What steps taken by government to save animals from cruelty - High Court
जानवरों को क्रूरता से बचाने अब तक सरकार ने कौन से कदम उठाए : हाईकोर्ट
जानवरों को क्रूरता से बचाने अब तक सरकार ने कौन से कदम उठाए : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि उसने प्राणियों पर क्रूरता को रोकने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में सोसायटी फॉर प्रिवेंशन आफ क्रूएल्टी टू एनिमल स्थापित करने की दिशा  में कौन से कदम उठाए  है। न्यायमूर्ति आरएम सावंत व न्यायमूर्ति केके सोनावने की खंडपीठ ने सरकार को इस विषय पर 26 सितंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने सरकार को हलफनामे में स्पष्ट करने को कहा है कि सोसायटी फॉर प्रिवेंशन आफ क्रूएल्टी टू एनिमल को कौन सी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गई है और वहां पर नियुक्तियों की दिशा में कौन से कदम उठाए गए है। 

इस विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता अजय मराठे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि प्राणियों पर होनेवाली क्रूरता व बर्बरता को रोकने के लिए प्राणी क्रूरता प्रतिबंध कानून में सोसायटी फॉर प्रिवेंशन आफ क्रूएल्टी टू एनिमल स्थपित करने का प्रावधान किया गया है। यह सोसायटी राज्य के विभिन्न इलाकों में जिला स्तर पर बनाने का प्रावधान है। पर सरकार की ओर से इस दिशा में न तो विभिन्न जिलों में सोसायटी को स्थापित करने की दिशा में सार्थक पहल की गई है और न सोसायटी को जरुरी बुनियादि सुविधाएं प्रदान की गई है। इसलिए सरकार को सोसायटी की स्थपना करने व उसे जरुरी सुविधाएं प्रदान का निर्देश दिया जाए। 

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि मामले को लेकर पशु संवर्धन विभाग के उप सचिव ने हलफनामा दायर किया है। लेकिन खंडपीठ ने कहा कि हम चाहते है राज्य सरकार का कोई जिम्मेदार अधिकारी इस प्रकरण को लेकर हलफनामा दायर करे। खंडपीठ ने कहा कि हम आशा व विश्वास रखते है कि सरकार  प्राणी क्रूरता प्रतिबंध कानून के प्रावधानों का पालन करने के लिए समुचित कदम उठाएगी। 

Created On :   13 Sep 2018 4:14 PM GMT

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