जम्मू एवं कश्मीर राज्य का स्वरूप अब कैसा होगा

What will be the nature of the state of Jammu and Kashmir now?
जम्मू एवं कश्मीर राज्य का स्वरूप अब कैसा होगा
जम्मू एवं कश्मीर राज्य का स्वरूप अब कैसा होगा
हाईलाइट
  • जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 : - केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का गठन होगा- इसमें कारगिल और लेह जिले शामिल होंगे- केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर का गठन होगा- इसमें लद्दाख और लेह के अलावा बाकी सभी इलाके शामिल होंगे
  • संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र के फैसले के बाद जम्मू एवं कश्मीर राज्य का स्वरूप कुछ इस तरह होगा
नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र के फैसले के बाद जम्मू एवं कश्मीर राज्य का स्वरूप कुछ इस तरह होगा।

जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 :

- केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का गठन होगा

- इसमें कारगिल और लेह जिले शामिल होंगे

- केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर का गठन होगा

- इसमें लद्दाख और लेह के अलावा बाकी सभी इलाके शामिल होंगे।

राज्यपाल का दर्जा :

- मौजूदा जम्मू एवं कश्मीर राज्य के राज्यपाल अब केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित लद्दाख के उपराज्यपाल होंगे।

राज्यसभा में प्रतिनिधित्व :

- जम्मू एवं कश्मीर के चार मौजूदा राज्यसभा सदस्य केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर के सदस्य होंगे। उनके कार्यकाल यथावत रहेंगे।

लोकसभा में प्रतिनिधित्व :

- केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर में पांच लोकसभा सीटें होंगी।

- केंद्र शासित लद्दाख में एक लोकसभा सीट होगी।

उपराज्यपाल, जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा :

- केंद्र शासित पुडुचेरी के लिए लागू अनुच्छेद 239ए में मौजूद प्रावधान केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर के लिए भी लागू होंगे।

- विधानसभा में प्रत्यक्ष चुनाव वाली 107 सीटें होंगी। (जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में पहले 111 सीटें थीं, जिनमें से 87 के लिए चुनाव होते थे।)

- पाकिस्तानी कब्जे वाली 24 सीटें खाली रहेंगी (पहले की विधानसभा में जिस तरह खाली रहती थीं।)

- उपराज्यपाल विधानसभा में दो महिला सदस्यों को नामित कर सकते हैं।

- विधानसभा का कार्यकाल पांच साल होगा (पहले छह साल था)।

- केंद्रीय कानून केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में लागू होंगे।

सरकार ने विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का प्रस्ताव किया :

- विधानसभा सीटों का पुनर्गठन होगा और सीटों के नक्शे तैयार किए जाएंगे।

- फिलहाल जम्मू क्षेत्र में 37 विधानसभा सीटें हैं और कश्मीर में 46 सीटें।

अनुच्छेद 370 ने क्या रोक रखा था :

- सूचना का अधिकार का क्रियान्वयन।

- शिक्षा का अधिकार।

- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की जांच।

- कश्मीर में महिलाओं के लिए शरिया कानून से आजादी।

- पंचायतों को अधिकार।

- हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण।

- देश के अन्य राज्यों के नागरिकों को कश्मीर में जमीन खरीदने या जमीन का स्वामित्व रखने से।

- कश्मीर की भारतीय महिलाओं से शादी करने वाले पाकिस्तानियों को भारतीय नागरिकता लेने से।

--आईएएनएस

Created On :   5 Aug 2019 10:00 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story