शिक्षक के तबादले पर रोया पूरा गांव, वर्षों तक याद रखी जाएगी दास्तां 

Whole village cried on the transfer of the teacher, story remembered for years
शिक्षक के तबादले पर रोया पूरा गांव, वर्षों तक याद रखी जाएगी दास्तां 
शिक्षक के तबादले पर रोया पूरा गांव, वर्षों तक याद रखी जाएगी दास्तां 

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढन)। बच्चों को जीवन जीने की कला और शिक्षा के प्रति लगन जागृत करने वाले शिक्षक का जब तबादला हुआ तो स्कूली बच्चे ही नहीं अपितु पूरा गांव बिलख-बिलख कर रो पड़ा। विदाई के ऐसे क्षण सामने आए जो अविस्मरणीय बन गए, मामला था सिंगरौली जिले के देवसर विकासखंड के घिनहागांव ग्राम का जहां छलकते आंसूओं की धार शिक्षक के प्रति अथाह प्रेम की कहानी कह रहे थे। आखिरकार ऐसा ही होना था क्योंकि जिस लगन और मेहनत के साथ इस शिक्षक ने शिक्षा के बाल पौधों को रोपित किया था, वह व्यक्ति के जुनून को दर्शाने और वर्षो तक याद रखने वाला कहा जाएगा। 

ज्ञातव्य हो कि देवसर विकासखंड के घिनहागांव में जहां विद्यालय गांव से कोसों दूर था और वहां बच्चों का ही नहीं अपितु अभिभावकों का नजरिया भी शिक्षा के प्रति उदासीन रहा था। शासकीय प्राथमिक- माध्यमिक इस शाला में बच्चे पढ़ने के लिए जाना ही नहीं चाहते थे। तीन वर्ष पूर्व जब रमेश कुमार वहां पदस्थ हुए तो खाली और अव्यवस्थित स्कूल को देख उन्होंने इस स्कूल बगिया को संवारने का प्रयास किया। घर-घर जाकर मोटर साइकिल से बच्चों को स्कूल लाने लगे। उनकी मेहनत रंग लाई और वे प्रतिदिन नियम से मोटर साइकिल में एक ट्राली लगाकर बच्चों को स्कूल लाने और सुरक्षित भेजने लगे। उन्होंने अपने पैसों से बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया और स्कूल में महापुरुषों के तैल चित्र के साथ-साथ साफ-सफाई से पूरे स्कूल की शक्ल बदल दी। वहीं बच्चों को शिक्षा के साथ मेहनत और ईमानदारी का पाठ पढ़ाया। वर्तमान में हरियाली से लबरेज इस शाला परिसर में बच्चों की संख्या अपेक्षकृत बढ़ चुकी है। 

शिक्षक रमेश कुमार वैश्य की मेहनत और लगन के चलते इसके चर्चे भी दूर-दूर तक फैले और इस मामले में दैनिक भास्कर ने भी उनकी लगन को समाचार के माध्यम से प्रस्तुत किया। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मिसाल प्रस्तुत करने वाले इस शिक्षक का स्थानांतरण, तबादला नीति के चलते देवसर विकासखंड के घिनहागांव से शासकीय माध्यमिक शाला भलुगढ़ चितरंगी विकासखंड कर दिया गया। उनके तबादले की खबर मिलते ही मंगलवार को पूरा गांव शाला परिसर में मौजूद रहा। बच्चों से लेकर ग्रामीण तक उनके विदाई समारोह में अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रहे थे।
 

Created On :   14 Aug 2019 9:39 AM GMT

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