तस्लीमा को बहन बना सकते हैं तो रोहिंग्या मुसलमानों को भाई क्यों नहीं : ओवैसी

Why cant PM Narendra Modi accept Rohingya Muslim refugees
तस्लीमा को बहन बना सकते हैं तो रोहिंग्या मुसलमानों को भाई क्यों नहीं : ओवैसी
तस्लीमा को बहन बना सकते हैं तो रोहिंग्या मुसलमानों को भाई क्यों नहीं : ओवैसी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विवादों और चर्चाओं में रहने वाले असदुद्दीन औवेसी ने एक बार फिर अपने बयान से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा हैं। एआईएमआईएम चीफ औवेसी ने भाजपा और केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए भारत में रह रहे शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन किया है। औवेसी ने कहा कि भारत में तिब्बती शरणार्थी रह सकते हैं तो रोहिंग्या मुसलमान क्यों नही ? उन्होंने तसलीमा नसरीन का मुद्दा उठाते हुए नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि जब देश में तसलीमा नसरीन आपकी बहन बन कर रह सकती हैं तो रोहिंग्या आपके भाई बन कर क्यों नही रह सकते ?

सरकार क्यों भेजना चाहती है वापस ?

रोहिंग्या की स्थितियों का जिक्र करते हुए औवेसी बोले कि जिनका सब कुछ लुट गया, आज उन्हें सरकार वापस भेज देना चाहती है। भाजपा पर निशाना लगाते हुए वे बोले कि मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि किस कानून के तहत आप रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजेंगे ? आप इस तरह से कैसे संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता पा सकते हैं।

इसी दौरान औवेसी ने तिब्बतियों की भी बात की। उन्होंने कहा कि हमने 1 लाख 40 हजार तिब्‍ब‍तियों को अपना दोस्‍त माना। दलाई लामा को अपना दोस्‍त माना। तो रोहिंग्याओं को क्यों नही ? सरकार रोहिंग्या मुस्लिमों को भी अपना दोस्त माने। उन्होंने तमिल शरणार्थियों के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि क्‍या तमिलनाडु में 65 हजार तमिल शरणार्थी नहीं हैं। जब उन शरणार्थियों के बारे में रिपोर्ट आई थी कि वह दहशतगर्दी में लिप्‍त हैं, तो उनके साथ क्‍या किया गया था। उन्‍हें एक कैंप से निकालकर दूसरे कैंप में भेज दिया गया था, उन्‍हें वापस क्‍यों नहीं भेजा गया।

क्या हैं रोहिंग्या मुसलमान का मामला

रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार में रहने वाला समुदाय है जो कि मूलतः बांग्लादेश के निवासी है। ये समुदाय 12वीं सदी से म्यामांर में रह रहा है, पर वहां के बौद्ध समुदाय ने उन्हें अभी तक नही अपनाया है। 2012 में हुई पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद रोहिंग्या मुसलमानों की मुश्किलें बढ़ गई। उसी के बाद म्यांमार के रखाइन इलाके में हिंसा जारी है। पलटवार में पिछले 25 अगस्त पर रोहिंग्या मुसलमानों की तरफ से पुलिस वालों पर हमला कर दिया गया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद म्यांमार के हालात और खराब हो गए तो साथ ही रोहिंग्या मुसलमानों के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई। इस हमले के बाद म्यांमार में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। इसके बाद रोहिंग्या मुसलमान लगातार पलायन कर रहे हैं। वे बांग्लादेश के शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं। इनमें से कई शरणार्थी दशकों पहले ही बांग्लादेश आ गए थे, पर उन्हें अभी तक कैंपों में ही रहना पड़ रहा है।

भारत नही देगा शरण

रोहिंग्या मुसलमानों को भारत शरण नही देगा। इस बात को गृह मंत्रालय साफ कर चुका हैं। साथ ही जो रोहिंग्या शरणार्थी भारत में रह रहे हैं उन्हें भी वापस कर दिया जाएगा। इस काम के लिए भारत ने भारत-म्यांमार सीमा पर चौकसी बढ़ाने के साथ ही रेड अलर्ट भी जारी कर दिया है।

भारत में 40 हजार रोहिंग्या

हमारे देश में फिलहाल 40 हजार के लगभग रोहिंग्या मुसलमान मौजूद है। ये जम्मू, हैदराबाद, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मौजूद हैं। इनमें करीब 14 हजार शरणार्थी वैध रुप से रह रहे हैं तो वहीं बाकि अवैध रुप से। सरकार ने इन्हीं अवैध शरणार्थियों को वापस भेजने की बात कही है।

देश में नहीं है शरणार्थी कानून

बता दें कि भारत ने शरणार्थियों को लेकर हुई संयुक्त राष्ट्र की 1951 शरणार्थी संधि और 1967 में लाए गए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। जिससे भारत यदि शरणार्थियों को वापस भी भेजता है तो उस पर किसी तरह का दबाव नही बनाया जा सकता। इसके साथ ही देश में कोई शरणार्थी कानून भी नहीं है। 

Created On :   15 Sep 2017 9:07 AM GMT

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