दक्षिण चीन सागर पर क्यों अपना अधिकार जताता है चीन?

Why China says its right on South China Sea from un
दक्षिण चीन सागर पर क्यों अपना अधिकार जताता है चीन?
दक्षिण चीन सागर पर क्यों अपना अधिकार जताता है चीन?
हाईलाइट
  • 6 देश चीन
  • फिलीपींस
  • वियतनाम
  • मलेशिया
  • ताईवान और ब्रुनेई अपना दावा करते रहे हैं।
  • 70 के दशक में दक्षिणी चीन सागर में तेल और गैस के बड़े भंडारों का भी पता चला था।
  • इंटरनेशनल इलाका माना जाने वाला दक्षिण चीन सागर 6 देश के बीच एक बड़ा विवाद बना हुआ है।
  • दक्षिण चीन सागर के पास इंडोनेशिया ही एक ऐसा देश है
  • जो इस पर अपना अधिकार नहीं जताता है।
  • ये इलाका क़रीब 35 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। इंटरनेशनल इलाका माना जाने वाला दक्षिण चीन सागर 6 देश के बीच एक बड़ा विवाद बना हुआ है। मगर चीन हमेशा से ही इस पर अपना एकतरफा अधिकार जताता रहा है। आखिर चीन ऐसा क्यों करता है, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। दक्षिण चीन सागर के पास इंडोनेशिया ही एक ऐसा देश है, जो इस पर अपना अधिकार नहीं जताता है। इसके अलावा 6 देश चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताईवान और ब्रुनेई अपना दावा करते रहे हैं।

तेल और गैस का बड़ा भंडार है ये इलाका
ये विवाद इलाका क़रीब 35 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जो इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच पड़ने वाला समंदर का एक हिस्सा है। इस इलाके पर कुदरत की एक अनूठी कृपा नजर आती है। क़ुदरती ख़ज़ाने से लबरेज़ इस समुद्री इलाक़े में जीवों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। 70 के दशक में दक्षिणी चीन सागर में तेल और गैस के बड़े भंडारों का भी पता चला था। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि कुदरत के इस खजाने के लिए आगे चलकर एक बड़ा युद्ध भी हो सकता है।

2 हजार साल पुराना इतिहास
बता दें कि इस जगह का इतिहास करीब 2 हजार सालों से भी अधिक पुराना बताया जाता है। चीन के समुद्री मुसाफ़िरों नागरिकों और मछुआरों ने ही दक्षिणी चीन सागर में स्थित द्वीपों की खोज की थी। यही कारण है कि चीन लगातार यह दावा करता रहा है कि दक्षिणी चीन सागर से उसका रिश्ता क़रीब 2000 हज़ार साल पुराना है। बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध तक दक्षिणी चीन सागर पर जापान का क़ब्ज़ा था। मगर युद्ध के तुरंत बाद चीन ने इस पर अपना अधिकार जताया था।

 

 

चीन ने इस तरह बनाया अपना दबदबा
दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही चीन ने दोबारा से इस इलाके पर अपना अधिकार जताना शुरू कर दिया था। मगर आज से करीब 3-4 साल पहले ही चीन ने इस इलाके पर उसका मजबूत दबदबा कायम करना शुरू कर दिया था, जो करीब-करीब अब तक बना हुआ है। चीन ने 3 साल पहले ही इस इलाके में एक छोटी समुद्री पट्टी के इर्द-गिर्द, रेत, बजरी, ईंटों और कांक्रीट की मदद से बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य शुरू करते हुए एक बंदरगाह बनाया लिया था।

बंदरगाह बनाने के बाद चीन ने इस इलाके में हवाई जहाज़ों के उतरने के लिए हवाई पट्टी भी बनाई। देखते ही देखते, चीन ने दक्षिणी चीन सागर में एक आर्टिफ़िशियल द्वीप तैयार कर के उस पर सैनिक अड्डा बना लिया। आज इस इलाके में चीन के कई छोटे द्वीपों पर सैनिक अड्डे बने हुए हैं। चीन की दादागिरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चीन ने इस छोटे से सागर पर मालिकाना हक़ के एक अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फ़ैसले को मानने से इनकार कर दिया है।

Created On :   30 March 2018 1:57 PM GMT

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