क्यों किया कलेक्टर ने वेतन लेने से इंकार? अधिकारी भी आश्चर्यचकित

Why did the collector refuse to take salary, officials surprised
क्यों किया कलेक्टर ने वेतन लेने से इंकार? अधिकारी भी आश्चर्यचकित
क्यों किया कलेक्टर ने वेतन लेने से इंकार? अधिकारी भी आश्चर्यचकित

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढ़न)। कई महीने से बिना वेतन के प्रशिक्षु पटवारी जिले में काम कर रहे हैं। इस बात को लेकर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने टीएल बैठक में कड़ी नाराजगी जाहिर की है। खासकर राजस्व अधिकारियों को उन्होंने इसके लिए कड़ी फटकार लगाई है और जिला कोषालय अधिकारी को निर्देश दिया है कि जब तक प्रशिक्षु पटवारियों का वेतन आहरण नहीं होता है, तब तक उनका भी वेतन भुगतान रोक दिया जाए।

उन्होंने कहा कि बड़े ही खेद की बात है कि बड़े अधिकारियों का वेतन भुगतान हर माह समय पर हो जाता है। जबकि उन्हीं अधिकारियों के कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समय पर नहीं होता है। प्रशिक्षु पटवारियों के सामने आए इस तरह के केस को लेकर उन्होंने बाकी अन्य विभागों में भी समय पर वेतन भुगतान को लेकर बरती जा रही लापरवाहियों पर आपत्ति जतायी है।

उन्होंने बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि अपने अधीन जो कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, उनके वेतन के भुगतान संबंधी आने वाली समस्याओं को दूर किया जाए। फिर इसकी पूरी जानकारी अगली बैठक में सभी अधिकारी दें।

अगले माह के वेतन पर संकट
बैठक में कलेक्टर ने अपने वेतन को रोकने के अलावा जिला कोषालय अधिकारी को यह भी निर्देश दिया है कि जब सभी जिला अधिकारियों के कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों के वेतन का भुगतान हो जाए, तभी इन अधिकारियों के अगले माह के वेतन का आहरण किया जाए। खासतौर से राजस्व विभाग के अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए, क्योंकि पटवारी भी राजस्व विभाग के कर्मचारी होते हैं। सिर्फ लापरवाही की वजह से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पटवारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है।

तब सामने आया था मामला
गौरतलब है कि गत दिवस बरगवां थाना क्षेत्र में एक सडक़ हादसे में एक प्रशिक्षु पटवारी की मौत हो गई थी। जिसके बाद यह बात सामने आयी थी कि उस पटवारी की सेवा पुस्तिका ही नहीं बनी। ऐसा ही हाल जिले के ज्यादातर प्रशिक्षु पटवारियों का था और इसी दौरान यह बात भी सामने आयी थी कि ज्वाइनिंग के बाद से इन सभी प्रशिक्षु पटवारियों को वेतन तक नसीब नहीं हो सका है। जो कहीं न कहीं बड़ी लापरवाही को उजागर करता है और इसे दैनिक भास्कर ने प्राथमिकता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद ऐसे प्रशिक्षु पटवारियों की सेवापुस्तिका दूसरे ही दिन से जमाकर की जाने लगी थी, लेकिन वेतन अटका था।

 

Created On :   15 Jan 2019 8:24 AM GMT

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