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क्यो न पट्टा निरस्ती का आदेश यथावत रखा जाये - आबादी की भूमि का व्यवसायिक उपयोग करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क जबलपुर। सिवनी जिले की लखनादौन तहसील में आबादी की भूमि के पट्टे का व्यवसायिक उपयोग किये जाने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया। मामले में राहत चाही गई कि अनुविभागीय अधिकारी ने पट्टा निरस्त कर कब्जा हटाने के आदेश को यथावत रखा जाये और राजस्व मंडल के आदेश को खारिज किया जाये। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।
लखनादौन धूमा निवासी पूर्व सरपंच फागूलाल आरमोर की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि नायब तहसीलदार ने अनुविभागीय अधिकारी लखनादौन को एक प्रतिवेदन भेजा, जिसमें कहा गया कि मनीष कुमार शिवहरे को ग्राम पंचायत धूमा में आबादी भूमि का पट्टा दिया गया, जिसमें वह व्यवसायिक काम्पलैक्स का निर्माण कर रहा है, इसलिये उसका पट्टा निरस्त किया जाये। अनुविभागीय अधिकारी ने प्रतिवेदन पर पट्टा निरस्त करते हुए एक माह में कब्जा हटाने के आदेश दे दिये। जिसके खिलाफ मनीष शिवहरे ने जबलपुर संभागायुक्त के समक्ष अपील दायर की, जो कि निरस्त हो गई। इसके बाद उसने राजस्व मंडल के समक्ष रिवीजन दायर की, जो स्वीकार कर ली गई। इसके बाद हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया है। मामले में सचिव राजस्व विभाग, राजस्व मंडल, संभागायुक्त जबलपुर, अनुविभागीय अधिकारी व नायाब तहसीलदार लखनादौन व ग्राम पंचायत धूमा और मनीष कुमार शिवहरे को पक्षकार बनाया गया है। मामले की सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शीतला प्रसाद त्रिपाठी तथा सुशील त्रिपाठी ने पक्ष रखा।
Created On :   1 Dec 2019 12:49 PM GMT