50 साल में घटे बारिश के 50 दिन, जिम्मेदार हम खुुुद

Widespread urbanization, aerosol, emissions responsible for decreasing rains
50 साल में घटे बारिश के 50 दिन, जिम्मेदार हम खुुुद
50 साल में घटे बारिश के 50 दिन, जिम्मेदार हम खुुुद

टीम डिजिटल, भोपाल.  ग्रीन हाउस गैसों, व्यापक शहरीकरण और एयरोसॉल के कारण बीते 50 साल में हर साल बारिश का एक दिन कम हुआ. इस तरह विकास के मौजूदा मानकों को आंख मूंदकर अपनाने के कारण हमने कुदरत की प्यास बुझाने वाले प्याले को खाली करने का ही काम किया है. यह बात यहां स्थित राष्ट्रीय मौसम वेधशाला के एक दिलचस्प अध्ययन में सामने आई है.

असल में बारिश कितनी होगी, यह बादलों की ऊंचाई पर निर्भर करता है. बहुत ऊंचे और मध्यम ऊंचाई में टिके बादल ज्यादा नहीं बरते. सबसे कम ऊंचाई के बादलों में ही बरसते की ज्यादा क्षमता होती है. स्टडी करने वाली टीम ने बीते 50 साल के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पाया है कि कम ऊंचाई वाले बादलों के बनने की स्थिति में 1.22 फीसदी की गिरावट आई है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह गिरावट मॉनसून के दौरान आई है. 1960 से 2010 के बीच प्रति दशक कम ऊंचाई के बरसाती बादलों की जमावट में 4 से 6 प्रतिशत तक कमी देखी गई. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव गंगा के कछार और देश के मध्य हिस्से पर पड़ा है.

भारत की 70 फीसदी अर्थव्यवस्था मॉनसून और खेती पर निर्भर है. यहां तक कि सेंसेक्स और निफ्टी भी मौसम विभाग की मॉनसून की संभावना के आधार पर ऊपर-नीचे होता है. हालांकि, यहां के वैज्ञानिकों ने जमीनी अध्ययनों से बादलों की जमावट में हुए बदलाव को मापा है. उनका अब कहना है कि अगर इसे सैटेलाइट के जरिए मापा जाए तो इससे भी बारीक विश्लेषण किया जा सकता है. उनका कहना है कि देश के जिन हिस्सों में औद्योगिकीकरण और शहरीकरण तेज हुआ, वहां बरसाती बादलों की जमावट में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, साथ ही इन इलाकों में बरसात में भी कमी दिख रही है. साइंटिस्ट का कहना है  कि पिछले 5 दशक में भारत में बारिश के एक-एक दिन की कमी तो हुई (दिनभर में 2.5 मिमी से कम बारिश को छोड़कर) लेकिन ओवरऑल बारिश की मात्रा में कोई कमी नहीं आई. इसका सीधा मतलब यह भी हुआ कि जहां भी बरसाती बादलों का भारी जमावड़ा हो रहा है, वहां भीषण बारिश और बाढ़ की स्थिति भी बन रही है. रिसर्चर टीम ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि इस तरह की बाढ़ से जहां जमीन में पानी रिसने की बजाय बह जाता है. नतीजतन भूजल स्रोतों में पानी नहीं बचता.

बारिश कम होना हमेशा से एक मुद्दा रहा है. अगर हम भोपाल की बात करें,तो पिछले 5 सालों में बारिश का आंकड़ा काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. (स्रोत: आईएमडी) 

साल

जून

%DEF

RAIN FALL

जुलाई-

%DEF

RAIN FALL

अगस्त

%DEF

RAIN FALL

सितंबर

%DEF

RAIN FALL

2012

-31

94.9

-15

360.0

6

615.0

73

61.2

2013

-100

459.5

331

429.1

27

332.8

-6

42.0

2014

-22

23.2

79

427.1

26

165.9

-53

109.0

2015

35

116.7

49

473.8

40

315.2

-11

42.6

2016        -7               150.1       34            660.5           95           531.3       49            122.2

Created On :   14 Jun 2017 12:45 PM GMT

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