गन्ने को प्रदेश के औद्योगिक विकास की बुनियाद बनाएंगे : सीएम योगी

Will make sugarcane the foundation of the states industrial development: Yogi
गन्ने को प्रदेश के औद्योगिक विकास की बुनियाद बनाएंगे : सीएम योगी
गन्ने को प्रदेश के औद्योगिक विकास की बुनियाद बनाएंगे : सीएम योगी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां कहा कि भविष्य में गन्ना प्रदेश के औद्योगिक विकास की बुनियाद बनेगा। मुख्यमंत्री योगी ने यहां लोकभवन में गन्ना किसानों की सुविधा एवं पारदर्शिता के लिए चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा विकसित किए गए वेब पोर्टल एवं ई गन्ना मोबाइल एप का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों के कालखंड में लोगों ने मान लिया था कि गन्ना खेती और चीनी मिल लगाने का मतलब घाटे का सौदा है। उन्होंने कहा कि हम गन्ने को प्रदेश के औद्योगिक विकास की बुनियाद बनाएंगे।

योगी ने कहा, किसान हम लोगों का अन्नदाता है। इस एप और वेब पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता आएगी, कालाबाजारी रुकेगी और पर्ची खो जाने पर मैसेज दिखाकर किसान अपना गन्ना तौलवा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, जब किसान शासन की योजनाओं का केंद्र बिंदु नहीं होता है, तो किसान हितैषी नीतियां नहीं बन पाती हैं। राजनीति का ऐजेंडा जब किसान के माध्यम से तय नहीं होता है, तो परिवार, जाति, मत और मजहब राजनीति के एजेंडा बन जाते हैं। राजनीति बेईमानी और भ्रष्टाचार का अड्डा बन जाती है।

योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा है। हाशिये पर चले गए और आत्महत्या करने के लिए मजबूर किसानों को राजनीति की मुख्यधारा में लाने का कार्य उन्होंने ही किया है। किसानों को केंद्र में रखकर ऐसी अनेक योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, विगत ढाई वर्ष के दौरान गन्ना विभाग में व्यापक सुधार हुए हैं। किसान को गन्ना की पर्ची मिलने में समस्या न हो और घटतौली न हो, इसको लेकर हमने पारदर्शी व्यवस्था बनाने का प्रयास किया है। प्रदेश सरकार लगभग 76 हजार करोड़ रुपये का गन्ना किसानों का भुगतान सीधे उनके खाते में भेजने में सफल रही है। बाकी बचे पौने तीन हजार करोड़ रुपये के भुगतान के लिए भी हमने समय सीमा तय कर दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, रमाला चीनी मिल की क्षमता विस्तार की बात 30 वर्षों से हो रही थी। आज 50 हजार कुंटल प्रति दिन गन्ना पेराई की क्षमता से युक्त चीनी मिल रमाला में आ चुकी है, जिसका लाभ बागपत, शामली और मुजफ्फरनगर के किसानों को सीधे-सीधे मिलेगा। गन्ना से इथेनॉल बनाने के प्रक्रिया शुरू हो जाने पर आने वाले समय में गन्ना किसानों को गन्ना के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। जितना हमें चीनी की अवश्यकता होगी चीनी बनाएंगे, बाकी का इथेनॉल बनाएंगे। इससे डीजल-पेट्रोल पर देश की निर्भरता कम होगी। देश का पैसा देश में रहेगा और हमारे किसानों के पास जाएगा।

प्रदेश की 119 चीनी मिलों का डेटा इस पोर्टल और एप पर एकीकृत है। इनके माध्यम से किसान अपना पूरा सट्टा, कितनी पर्चियां बनीं, कितनी पर्चियों का निर्गमन हो गया, कितनी बची हैं, कैलेंडर कैसा होगा यह सब देख सकेंगे। कोई भी समस्या आने पर इसके माध्यम से किसान अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने गन्ना समितियों और विभाग से कहा, हमें आने वाले समय में विभाग को ऐसी व्यवस्था के साथ जोड़ना है, जो आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे। हमें शुगर डेवलपमेंट फंड कि दिशा में कार्य करना होगा। यह फंड चीनी मिलों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक नया कदम हो सकता है। जिन चीनी मिलों की क्षमता बहुत कम है, उनकी क्षमता इसके माध्यम से बढ़ाई जा सकती है। गन्ना किसानों के हित में कोई नया कार्य इस फंड के जरिए किया जा सकता है।

 

Created On :   13 Nov 2019 7:30 PM GMT

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