आस्था : महिला ने सैकड़ों नुकीले शूल पर लेटकर अपने शरीर पर ज्वारें बोई

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आस्था : महिला ने सैकड़ों नुकीले शूल पर लेटकर अपने शरीर पर ज्वारें बोई
आस्था : महिला ने सैकड़ों नुकीले शूल पर लेटकर अपने शरीर पर ज्वारें बोई

डिजिटल डेस्क, छिन्दवाड़ा/ परासिया। एक सूई भी शरीर में चुभ जाए तो तेज दर्द होता है, वहीं 44 वर्षीय राधा यादव ने सैकड़ों शूल पर लेटकर अपने शरीर पर ज्वारे बोए। राधा ने यह पहली बार नहीं किया, बल्कि लगातार 9 साल से राधा इसी तरह वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में शूल पर लेटकर अपने शरीर पर ज्वारे स्थापित करती हैं। यह उसकी आस्था ही है, कि सैकड़ों नुकीली कील की चुभन और शरीर के ऊपर बोए ज्वारे की शीतलता का उसके शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। नौ दिनों तक पूजन आराधना के बाद ज्वारें को चांदामेटा स्थित गांधी घाट पर विसर्जित किया गया।

चांदामेटा का वार्ड क्रमांक- सात निवासी राधा यादव ने नुकीले शूलों की सेज पर लेटकर अपने शरीर पर ज्वारे स्थापित करवाया है। उसी दिन से राधा अपने स्थान से एक इंच भी नहीं हटी है। यहां तक कि उसने अन्न और जल भी ग्रहण नहीं किया। ज्वारे स्थापना से विसर्जन तक राधा निर्जल वृत रखकर कठीन साधना में लीन रही। ज्वारे विसर्जन के उपरांत प्रसाद ग्रहण कर अपना वृत को पूर्ण किया। राधा यादव ने अपने घर को ही पूजन स्थल बनाया हुआ है। यहां अन्य देवी देवताओं की विशाल प्रतिमाएं विराजी और तस्वीरें लगी हुई हैं। न्यूटन चिखली के ईदगाह ढाना क्षेत्र में जन्मी और पढ़ाई कर बड़ी हुई राधा यादव को कठिन वृत- आराधना करते देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन उनके घर पर पहुंचते रहे हैं।

Created On :   16 April 2018 5:14 PM GMT

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