पति के इलाज के लिए महिला ने 42 हजार में किया मासूम का सौदा

Woman sold his son in 42 thousand for treatment of sick husband
पति के इलाज के लिए महिला ने 42 हजार में किया मासूम का सौदा
पति के इलाज के लिए महिला ने 42 हजार में किया मासूम का सौदा

डिजिटल डेस्क, बरेली। कभी-कभी गरीबी और कर्ज इंसान को इस हद तक मजबूर कर देते है कि उसके चक्कर में किसी अपने की कुर्बानी भी देनी पड़ जाती है। ऐसा ही एक मामला बरेली में प्रकाश में आया है। जहां एक महिला ने मां ने 42 हजार में कर दिया कलेजे के टुकड़े का सौदा कर दिया है।  जब पड़ोसियों को बच्चा काफी दिनों तक नहीं दिखा को उन्होंने महिला ने इस बारे में पूछा, तब इस बात की सच्चाई सामने आई। वजह कुछ ऐसी है कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे। 

 

 

मजदूरी ने कहा "बच्चे को नहीं बेचते तो और क्या करते"


मामला हाफिजगंज के गांव ढकिया का है। यहां के निवासी हरस्वरूप मौर्य जोकि मजदूरी का काम करते है, उन्होंने बताया कि हम बच्चे को नहीं बेचते तो और क्या करते। हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था। मेरा इलाज न होने के कारण मेरे पैरों ने काम करना बंद कर दिया है और अब मैं नौकरी भी नहीं कर सकता। इसलिए हमें यह कदम उठाना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि 9 अक्टूबर को काम करते समय खटीमा में निर्माणाधीन मकान की दीवार का एक हिस्सा हरस्वरूप मौर्य के ऊपर गिर गया, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना में उनके कमर के नीचे का हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद उनके इलाज में खूब सारा पैसा खर्च हुआ। 

 

 

42 हजार रुपए में बेचा


हरस्वरूप मौर्य घर में अकेले कमाने वाले हैं, उनका इलाज न हो पाने से घर में आर्थिक तंगी आ गई। इसी दौरान 14 दिसम्बर को मौर्य की पत्नी संजू ने तीसरे बेटे को जन्म दिया। अब इस महिला को ना तो किसी मदद की उम्मीद थी और ना ही पति के हालात सुधरने की आस। इसी के चलते महिला ने अपने कलेजे के टुकड़े को 42 हजार रुपए में बेच दिया ताकि वह अपने बीमार पति का इलाज करा सके। बता दें कि कर्ज चुकाने के लिए 42 हजार में बच्चे को बेचने का मामला उजागर होने पर सोमवार को सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई। 

 

डीएम ने दिए जांच के निर्देश

 

डीएम के निर्देश पर नवाबगंज के एसडीएम कुंवर पंकज और सीओ पीतमपाल सिंह हाफिजगंज गांव खोह ढकिया में हरस्वरूप के घर पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी ली। हालांकि अफसरों के सामने हरस्वरूप और उसकी पत्नी ने कहा कि उन्होंने बेटे को बेचा नहीं, बल्कि गोद दिया। दंपति के पास न तो गोद दिए जाने की प्रक्रिया का कोई कागज मिला और न ही प्रशासन के पास ही ऐसा कोई लिखित दस्तावेज है। डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह ने नवाबगंज एसडीएम से पूरे मामले की रिपोर्ट मंगलवार दोपहर तक देने के लिए कहा है। 

 

 

लखनऊ में होगा इलाज

वहीं, बहेड़ी के एसडीएम व सीओ को बच्चा लेने वाले व्यक्ति की जानकारी कर बच्चे को बरामद करने और उसे हरस्वरूप के परिवार को सौंपने के निर्देश दिए। बता दें कि हरस्वरूप के परिवार का राशन कार्ड तक नहीं बना है। न ही खेतीहर मजदूर के तौर पर उसे मनरेगा के तहत कभी काम मिला। एसडीएम ने बताया कि हरस्वरूप को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सर्जरी के लिए स्टीमेट बनवाया जाएगा। मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित की मदद की जाएगी। जिसके बाद लखनऊ में पीड़ित का ऑपरेशन कराया जाएगा।

 

 

मदद को आगे आए ये समाज सेवक

 

इस खबर के फैलते ही भाजपा ब्रज प्रांत के क्षेत्रीय महामंत्री दुर्विजय भी आगे आए और उन्होंने अशोक सेवा संघ के संस्थापक भूपेन्द्र मौर्य के साथ आर्थिक मदद के रूप में साढ़े दस हजार रुपये दिए। वहीं, समाजसेवा मंच के अध्यक्ष नदीम शम्सी, महेश, शादाब न्याज, मुजाहिद, इम्तयाज आदि के साथ गांव पहुंचे और कहा कि गरीब मजदूर की मदद की जाएगी।

Created On :   2 Jan 2018 6:16 AM GMT

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