अब खर्रे के विरोध में आंदोलन पर उतरी महिलाएं

Women now planning to do agitation against selling of tobacco
अब खर्रे के विरोध में आंदोलन पर उतरी महिलाएं
अब खर्रे के विरोध में आंदोलन पर उतरी महिलाएं

डिजिटल डेस्क, कोरची(गड़चिरोली)। शराब बंदी को लेकर आंदोलन और प्रदर्शन करने वाली महिलाएं अब खर्रे के विरोध में आंदोलन का मार्ग अपना रही हैं। तहसील के कोचिनारा गांव की महिलाओं ने गांव के दुकान और पानठेलों में शुरू खर्रा बिक्री बंद करने की मांग को लेकर ग्राम पंचायत कार्यालय पर दस्तक दी। इस समय ग्राम सेवक एम. आर. लाडे को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। 

ग्रामसेवक को सौंपे ज्ञापन में महिलाओं ने कहा कि, कोचिनारा गांव में करीब 10 किराना दुकान और 2 पान ठेलों के माध्यम से बड़े पैमाने खर्रे की बिक्री की जा रही है। जिसके कारण गांव के युवाओं को खर्रे की लत लगकर उनके स्वास्थ्य पर विपरित परिणाम हो रहा है। खर्रा तंबाकूजन्य होता है और तंबाकू के सेवन से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का प्रमाण जिस तेजी से बढ़ रहा है वह चिंता का विषय है। महिलाओं ने याद दिलाया कि हाल ही संपन्न हुई गांव संगठन की बैठक में खर्रा बिक्री न करने का निर्णय लिया गया था। बावजूद गांव में खर्रा बिक्री शुरू है। ग्राम पंचायत खर्रा विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करें, ऐसी मांग महिलाओं ने ज्ञापन में की है। 

ऐसे में ग्राम कैसे बनेगा आदर्श 
महिलाओं ने कहा कि, कोचिनारा गांव का आदर्श गांव योजना अंतर्गत चयन किया गया है। लेकिन गांव में अवैध शराब और खर्रे समेत तंबाकूजन्य पदार्थो की बिक्री हो रही है। गांव संगठन द्वारा कार्रवाई करने के बावजूद भी चोरी-छिपे यह व्यवसाय चल रहा है। जिसके कारण गांव में शांति व सुव्यवस्था का प्रश्र निर्माण हो गया है। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो कोचिनारा गांव आदर्श गांव नहीं बन पाएगा।  

क्या है खर्रा
महाराष्ट्र में शहर सहित गांव के लोग एक सबसे ज्यादा नशे वाली चीज के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल में बड़े पैमाने पर लगे हुए हैं जिसे स्थानीय भाषा में खर्रा कहा जाता है। यह कई चीजों के मिश्रण वाला तंबाकूजन्य पदार्थ  है जिसमें सुपारी, तंबाकू की पत्तियां और कैल्शियम हाइड्रोक्साइड (चूना) शामिल हैं। यह एक दांतेदार लकड़ी का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है। सभी सामग्रियों को एक दांतेदार लकड़ी के ऊपर दूसरे दांतेदार लकड़ी से कुचला जाता है और फिर इस मिश्रण को पन्नी में बांधकर बेचा जाता हैं। खर्रा नाम इसको पीसने के दौरान निकलने वाली आवाज के चलते दिया गया है।
 

Created On :   17 May 2019 7:28 AM GMT

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