अस्पताल के शौचालय में हुई डिलेवरी के बाद महिला की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

Womens death after delivery in hospital toilets of shahdol mp
अस्पताल के शौचालय में हुई डिलेवरी के बाद महिला की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
अस्पताल के शौचालय में हुई डिलेवरी के बाद महिला की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

डिजिटल डेस्क, शहडोल। अस्पताल के शौचालय में एक महिला की डिलेवरी हो गई। थोड़ी देर बाद ही महिला की मौत हो जाने पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसूती की मौत हुई है। हंगामे की खबर मिलते ही सीनियर डॉक्टर सहित पुलिस अस्पताल पहुंच गयी। इसके बाद मामले को शांत कराया गया है। वहीं परिजनों का कहना है कि स्टाफ के लोग ऑपरेशन करने के लिए 10000 रुपए की मांग कर रहे थे।

जानकारी के मुताबिक जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की  लापरवाही से एक महिला की मौत हो गई। महिला बुधवार रात से प्रसूती वार्ड में भर्ती थी और दर्द से कराह रही थी। उसका बीपी भी बढ़ा हुआ था, लेकिन स्टाफ इससे अनजान बना रहा। गुरुवार सुबह करीब साढ़े दस बजे वार्ड के शौचालय में महिला की डिलेवरी हुई और थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई।  घटना के बाद हॉस्पिटल में हंगामा होने लगा।

परिजनों का आरोप था कि किसी रात से सुबह तक किसी डॉक्टर ने महिला को देखा ही नहीं। लोगों के आक्रोश देखते हुए पुलिस को बुलाना पड़ा। जानकारी के मुताबिक धनौरा निवासी रोशनी चौधरी (22) पति दुर्गेश चौधरी को बुधवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर अनूपपुर जिला अस्पताल ले जाया गया था। वहां बताया गया कि महिला का बीपी बढ़ा हुआ है, ऑपरेशन करना पड़ सकता है और जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। रात करीब 11 बजे महिला का जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था।

बेड पर ही पड़ी रही महिला
दुर्गेश की बुआ शोभावती ने आरोप लगाया कि रात में किसी डॉक्टर ने उसकी बहू को देखा ही नहीं। सुबह डॉक्टर ने और नर्स ने देखा था। परिवार के लोगों को अंदर भी नहीं जाने दे रहे थे। जब शौचालय में बच्ची पैदा हुई तो बहू  बेहोश हो गई और हम लोग ही उसे उठाकर अंदर ले गए, जहां थोड़ी देर बार उसकी मौत हो गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक नर्स कह रही थी ऑपरेशन करना पड़ सकता है। इसके लिए 10 हजार रुपए लगेंगे।

आरोप गलत हैं
सिविल सर्जन डॉ. उमेश नामदेव ने बताया कि रात में करीब 1 बजे डॉ. नीरजा श्रीवास्तव ने महिला को देखा था। सब कुछ सामान्य था। सुबह भी करीब साढ़े आठ बजे डॉ. निशा चतुर्वेदी ने भी महिला को देखा था। तब भी कोई सीरियस स्थिति नहीं थी। उन्होंने बीपी कंट्रोल की दवा लिखी थी। इसके बाद डॉ. डीके सिंह भी जांच के लिए गए थे।

एडीएम भी पहुंचे जांच करने
घटना की जानकारी लगने पर प्रशासन भी हरकत में आ गया। कमिश्नर जेके जैन के निर्देश पर कलेक्टर ने शाम को एडीएम अशोक ओहरी को जांच के लिए हॉस्पिटल भेजा। एडीएम ने ड्यूटी डॉक्टरों के कथन लिए हैं। हालांकि उनकी परिजनों से बात नहीं हो पाई, क्योंकि तब परिजन बॉडी लेकर जा चुके हैं। इधर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी ने बताया कि परिजनों और सिविल सर्जन के बयान दर्ज किए गए हैं।

फेफड़ा जाम होने से मौत
सिविल सर्जन का कहना है कि महिला की हालत सीरियस बिल्कुल नहीं थी। बस बीपी ही बढ़ा हुआ था। चेकअप के बाद उसे इंतजार करने के लिए कहा गया था। जब उनसे मौत का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पीएम की रिपोर्ट कल सुबह तक आएगी, इसके बाद ही मौत का सही कारण पता चल पाएगा। पीएम में महिला का यूट्रस और बे्रन नॉर्मल पाया गया है। लंग्स में कुछ मटेरियल मिला है। आशंका है कि उल्टी फेफड़ों में चली गई और फेफड़ों को जाम कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

Created On :   18 Oct 2018 1:52 PM GMT

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