नागपुर की विणकर सहकारी मिल के कामगारों को मिलेंगे 10 करोड़

Workers of Nagpur Cooperative Mill will get 10 crores - decision of cabinet
नागपुर की विणकर सहकारी मिल के कामगारों को मिलेंगे 10 करोड़
नागपुर की विणकर सहकारी मिल के कामगारों को मिलेंगे 10 करोड़

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव समीप देख राज्य सरकार के फैसलों में तेजी आ गई है। बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में एक साथ 16 फैसले लिए गए। जिसमें नागपुर के विणकर सहकारी सूत मिल के कामगारों के लिए 10 करोड़ के सानुग्रह अनुदान मंजूरी का फैसला भी शामिल है। राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार विणकर सहकारी सूत मिल के 1124 कामगारों के लिए 10 करोड़ के अनुदान की मंजूरी दी गई है। इससे प्रत्येक कामगार को 88 हजार 968 रुपए बतौर अनुदान मिल सकेगा। अप्रैल 1996 में यह मिल बंद हो गई थी। उस वक्त इस मिल में 1124 लोग काम कर रहे थे। मई 2011 में इस मिल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर इसकी संपत्ति वस्त्रोद्योग निदेशालय को सौप दी गई थी। उस वक्त सूत मिल के मालिकाना हक की 88.03 एकड़ जमीन थी। जिसमें से कुछ जमीन सरकार ने बेंच दी। फिलहाल 20.20 एकड जमीन बची हुई है। इस जमीन को रेडीरेकनर दर पर म्हाडा को देकर इससे मिलने वाली रकम मिल मजदूरों की दी जाएगी बाकी रकम को वस्त्रोद्योग विकास कोष में जमा किया जाएगा। मुख्यमंत्री के आदेश पर जून 2018 में जमीन बिक्री के लिए मंजूरी दी गई थी। कामगारों को इस शर्त पर अनुदान की रकम दी जाएगी कि वे इस मामले को लेकर कोर्ट में कोई याचिका दाखिल नहीं करेंगे 

विक्रीकर विभाग की अभय योजना के लिए इसी सत्र विधेयक 

विक्रीकर विभाग द्वारा चलाई जाने वाली अभय योजना को राज्यमंत्री मंडल ने मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत विभिन्न कानूनों के तहत बकाया, विवादित कर, ब्याज, दंड, विलंब शुल्क आदि की वसूली के लिए समझौते को मंजूरी दी गई है। विधानमंडल के आगामी बजट सत्र में राज्य सरकार इससे जुड़ा विधेयक मंजूरी के लिए लाएगी। राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक यह योजना दो चरणों में लागू की जाएगी। योजना का फायदा 30 जून 2017 से पहले की कालावधि के लिए मिलेगा। समझौते के लिए पहला चरण 1 अप्रैल 2019 से 30 जून 2019 और दूसरा चरण 1 जुलाई 2019 से 31 जुलाई 2019 तक चलेगा। पहले चरण में विवादित रकम भरने वाले व्यापारियों को दूसरे चरण के मुकाबले ज्याद छूट मिलेगी। योजना के तहत 31 मार्च 2010 के पहले के विवादित मामलों और 1 अप्रैल 2010 के 30 जून 2017 के विवादित मामलों के दो गुट बनाए जाएंगे। दोनों गुटों में व्यापारियों को अलग-अलग तरह की छूट दी जाएगी। योजना के तहत अविवादित कर में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। पहले चरण में 31 मार्च के पहले के विवादित मामलों में पहले चरण में 50 फीसदी और दूसरे चरण में 60 फीसदी रकम भरने वाले व्यापारियों को क्रमश: 50 और 40 फीसदी की छूट मिलेगी। इसके अलावा 90 फीसदी तक की ब्याज माफी भी दी जाएगी।
 

Created On :   20 Feb 2019 4:04 PM GMT

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