UP में गैंग्स्टर्स की शामत, योगी सरकार ला रही रही UPCOCA कानून

Yogi cabinet passed UPCOCA bill to control crime in uttar pradesh
UP में गैंग्स्टर्स की शामत, योगी सरकार ला रही रही UPCOCA कानून
UP में गैंग्स्टर्स की शामत, योगी सरकार ला रही रही UPCOCA कानून

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी में अब गैंगस्टर और माफियाओं की शामत आने वाली है। दरअसल अपराधों पर नकेल कसने के लिए यूपी की योगी सरकार कड़ा कानून लेकर आ रही है। महाराष्ट्र के MAKOKA की तर्ज पर यूपी कैबिनेट ने UPCOCA को मंजूरी दे दी है। अब यूपी विधानसभा के 14 तारीख से शुरु हो रहे शीतकालीन सत्र मे इस कानून को पटल पर रखा जाएगा।

 

संगठित अपराधों पर रोक

(UPCOCA) यानी उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्‍ट के तहत गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएगी। यूपी सरकार के प्रवक्‍ता सिद्धार्थ नाथ ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि (UPCOCA) बिल को कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है। इससे भू-माफिया, खनन माफिया और संगठित अपराध पर रोक लगेगी।

 

कड़ी सजा के प्रावधान

इस कानून के जरिए अपराधियों और नेताओं के नेक्सस पर लगाम कसी जाने की तैयारी योगी सरकार कर रही है। पुलिस और स्पेशल फोर्स को इसके लिए स्पेशल पावर मिलेगी। यूपीकोका के तहत तीन साल से लेकर उम्रकैद व फांसी की सजा और पांच लाख से 25 लाख तक जुर्माने का प्रावधान करने की तैयारी है। यूपी में इससे पहले संगठित अपराध पर कार्रवाई के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स का गठन हुआ था।

 

   
मकोका है सख्त कानून

महाराष्ट्र में बढ़ रहे अंडरवर्ल्ड क्राइम को खत्म करने के लिए वर्ष 1999 में सरकार इस कानून को लाई थी। इस कानून में कड़े प्रावधान है। मकोका के तहत गिरफ्तार किए गए आरोपी को आसामी से जमानत नहीं मिल सकती। आईपीसी की धाराओं के तहत किसी भी आरोपी को ज्यादा से ज्यादा 15 दिनों तक पुलिस रिमांड पर रखा जा सकता है, लेकिन मकोका में ये प्रावधान 30 दिनों का है। वहीं मकोका के तहत पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 180 दिन का वक्त मिल जाता है, जबकि आईपीसी के प्रावधानों के तहत यह समय सीमा सिर्फ 60 से 90 दिन की है।

Created On :   13 Dec 2017 10:24 AM GMT

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