यूपी के मदरसों में लागू होगा ड्रेस कोड, नहीं पहन सकेंगे कुर्ता-पायजामा

यूपी के मदरसों में लागू होगा ड्रेस कोड, नहीं पहन सकेंगे कुर्ता-पायजामा
हाईलाइट
  • अब मदरसों में तालीम देने और लेने वाले कुर्ता-पायजामा नहीं बल्कि पैंट-शर्ट पहने नजर आएंगे।
  • उत्तर प्रदेश के मदरसों में योगी सरकार अब ड्रेस कोड अनिवार्य करने जा रही है।
  • योगी सरकार के इस फैसले के बाद कई मुस्लिम धर्म गुरु इसका विरोध कर रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य करने के बाद योगी सरकार अब ड्रेस कोड अनिवार्य करने जा रही है। सरकार ने इसकी पूरी रूपरेखा भी तैयारी कर ली है। अब मदरसों में तालीम देने और लेने वाले कुर्ता-पायजामा नहीं बल्कि पैंट-शर्ट पहने नजर आएंगे। हालांकि योगी सरकार के इस फैसले के बाद कई मुस्लिम धर्म गुरु इसका विरोध कर रहे हैं। 

योगी सरकार में अल्पसंख्यक मंत्रालय को देख रहे राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा है कि अब मदरसों में पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों को ही पैंट शर्ट पहनना होगा। इसके पीछे उनका तर्क था कि आमतौर पर मदरसों में आने वाले बच्चे कुर्ता पायजामा और खासकर ऊंचे पजामे के कुर्ते पहन कर आते हैं, जो कि किसी धर्म विशेष की पहचान को दर्शाता है। मदरसों में छात्रों के बीच इसे खत्म करना जरूरी है। मंत्री रजा के मुताबिक एक खास किस्म का कुर्ता पायजामा पहनने से बच्चों में एक खास धर्म की पहचान दिखाई देती है, जो उनके अंदर हीन भावना पैदा करती है। 

योगी सरकार के मदरसों को लेकर लिए गए फैसलों पर लंबे समय से मुस्लिम धर्म गुरू नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अबुतालिब मदरसे के सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कहा है कि उन्हे योगी सरकार की नीयत पर शक है। योगी सरकार को ऑक्सीजन न मिलने से मरने वाले बच्चों से ज्यादा मदरसों की चिंता है। ऐस क्यों है ? योगी सरकार मदरसों में भी पारदर्शिता लाना चाहती है। गौरतलब है कि योगी सरकार ने मदरसों में तिरंगा फहराने और उसकी वीडियोग्राफी मांगने के साथ ही  एनसीईआरटी का सिलेबस लागू किया था। इसके साथ हिन्दी और इंग्लिश दोनों ही भाषा में पढ़ाई कराने का फैसला लिया था।

Created On :   4 July 2018 4:20 AM GMT

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