बाल वैज्ञानिकों के मॉडल ने आधुनिक भारत की परिकल्पना को किया जीवंत-गडकरी

young scientist model of modern India has envisaged India ideology: Gadkari
बाल वैज्ञानिकों के मॉडल ने आधुनिक भारत की परिकल्पना को किया जीवंत-गडकरी
बाल वैज्ञानिकों के मॉडल ने आधुनिक भारत की परिकल्पना को किया जीवंत-गडकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बच्चों में विज्ञान के ज्ञान की वृद्धि को लेकर निरंतर प्रयासरत हैं। मैं हमेशा से ही साइंस को प्रमोट करता हूं, क्योंकि साइंस में इनोवेशन होते हैं। यह बात केंद्रीय मंत्री  नितिन गडकरी ने बाल वैज्ञानिक महोत्सव व भव्य विज्ञान प्रदर्शनी  के उद्घाटन के अवसर पर कही। खासदार सांस्कृतिक महोत्सव, माय साइंस लैब तथा स्त्री शिक्षण प्रसारक मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय बाल वैज्ञानिक महोत्सव का शुभारंभ महिला महाविद्यालय नंदनवन में किया गया।

साइंस सेंटर बनाने के प्रयास

उन्होंने कहा कि जो भी स्कूल बंद हैं। उनमें साइंस सेंटर बनाया जाएगा, ताकि बच्चे साइंस के प्रयोग सीख सकें। छात्र, छात्राओं ने अपने वैज्ञानिक मॉडल से आधुनिक भारत की परिकल्पना को जीवंत किया। आज हमारे सामने कई बाल वैज्ञानिकों ने अपने मॉडल्स प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के दौरान शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया और लगभग 85 से अधिक मॉडल्स प्रस्तुत किए। इस दौरान मंच पर स्त्री शिक्षण प्रसारक मंडल के अध्यक्ष रवींद्र फडणवीस, शिक्षाधिकारी डॉ. एस. एन. पटले, विधायक  नागो गाणार, जयप्रकाश गुप्ता, माय साइंस लैब के धनजंय बालपांडे, अविनाश गायकवाड, मंगेश लेपसे आदि उपस्थित थे। मंच संचालन अर्पणा घुसे ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ. वंदना भागडीकर ने किया।

बच्चों ने प्रस्तुत किए विभिन्न मॉडल्स

मानव अंगों की संरचना हृदय, उत्सर्जन तंत्र, पाचन तंत्र, नेत्र, कर्ण, सौर मंडल व ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही यांत्रिकी के तहत जेसीबी, साइकिल, पवन चक्की, बायोगैस संचालित कार, सोलर वॉटर हीटर, प्यूरीफिकेशन ऑफ वॉटर, वेस्ट से बेस्ट आदि मॉडल प्रस्तुत किए। साथ ही  विद्यार्थियों ने पृथ्वी संरचना, ग्लोबल वार्मिंग, विंड मिल, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, वाटर साइकिल, वॉटर पॉल्यूशन सहित कई मॉडल बनाए। इसके अलावा स्कूल के बच्चों ने उत्कृष्ट मॉडल और चार्ट का प्रदर्शन किया। 

बालनाट्य स्पर्धा में "आकार" नाटक प्रथम

16वीं महाराष्ट्र राज्य बालनाट्य स्पर्धा में नागपुर अमरावती केंद्र के श्री वैष्णवी महिला व आदिवासी विकास संस्था के "आकार" नाटक को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। पुरस्कार की घोषणा सांस्कृतिक कार्य संचालनालय द्वारा की गई। साथ ही स्वानंद सांस्कृतिक मंडल संस्था के "घरटं" को द्वितीय पुरस्कार दिया गया है। दोनों नाटक का चयन अंतिम राउंड के लिए किया गया है।

अन्य को भी किया गया पुरस्कृत

निर्देशक : प्रथम हर्षद ससाणे (आकार), द्वितीय अनूप बहाड (ती एकाकी का), प्रकाश योजना : प्रथम दीपक नांदगांवकर (राखेतुन उडाला मोर), द्वितीय कुणाल उमरेकर (ती एकाकी का), नेपथ्य : प्रथम वीरेन्द्र गणवीर (थेंब थेंब श्वास), द्वितीय अंकिता गोरले (दगड), रंगभूषा : प्रथम स्नेहल गणवीर (राखेतुन उडाला मोर), द्वितीय मनीषा देशमुख (मिटू मिटू पोपट), उत्कृष्ट अभिनय : शेजल चौधरी (आकार), निनाद गुलवडे (लपाछपी), देवकी नंदवंशी, चिन्मयी मोरे, स्वरश्री नाईक, पयोष्णी ठाकुर, ऋतुजा परवान, मानस ऐलगुंडे, यश जोंधले, अर्णव देशपांडे, पार्थ सोनवणे, शिवराज माहोरे आदि को भी पुरस्कृत किया गया।

Created On :   30 Jan 2019 9:00 AM GMT

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