जीएसटी सुधार से उद्योगों के लिए टैक्स फाइलिंग हुई आसान, व्यापार में आसानी को मिलेगा बढ़ावा सीआईआई

जीएसटी सुधार से उद्योगों के लिए टैक्स फाइलिंग हुई आसान, व्यापार में आसानी को मिलेगा बढ़ावा  सीआईआई
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष ऋषि कुमार बागला ने गुरुवार को कहा कि जीएसटी सुधार से उद्योगों के लिए टैक्स फाइलिंग करना काफी आसान हो गया है और इससे व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष ऋषि कुमार बागला ने गुरुवार को कहा कि जीएसटी सुधार से उद्योगों के लिए टैक्स फाइलिंग करना काफी आसान हो गया है और इससे व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।

राष्ट्रीय राजधानी में सीआईआई के कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत करते हुए ऋषि कुमार बागला ने कहा, "जीएसटी सुधार के अंतर्गत सरकार ने दो बदलाव किए हैं। पहला- टैक्स स्लैब को कम करके दो कर दिया गया है, जिससे चीजें काफी सस्ती और उपभोक्ताओं के लिए किफायती हो गई हैं। दूसरा - जीएसटी 2.0 में सरकार की ओर से अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को और आसान बना दिया गया है। इससे टैक्स फाइलिंग आसान हुई है और इससे व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।"

जीएसटी सुधार 22 सितंबर से लागू हो गए हैं। इससे रोजमर्रा की जरूरी चीजें और लाइफ सेविंग मेडिसिन सहित लगभग 370 प्रोडक्ट पर टैक्स कम हो गया है। नए जीएसटी फ्रेमवर्क के अंतर्गत मौजूदा टैक्स स्लैब की संख्या चार - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत से घटकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दी गई है। इसके साथ ही सरकार ने कई ऐसी चीजों पर टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया है, जिन पर पहले 5, 12 या 18 प्रतिशत का टैक्स लगता है।

इसके अतिरिक्त बागला ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार की ओर से लगातार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश किया जा रहा है और हम गांवों को शहरों से जोड़ रहे हैं और एयरपोर्ट से लेकर हाइवे का निर्माण किया जा रहा है। इससे आने वाले समय में नौकरियां बढ़ेंगी और लोगों के हाथ में पैसा आएगा, जिससे देशे में उपभोग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

अमेरिकी टैरिफ पर सवाल पूछने पर उन्होंने आगे कहा कि भारत-अमेरिका के प्रतिनिधि मंडल के बीच बातचीत चल रही है। ऐसे में फिलहाल इस पर कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी होगा।

टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था पर छोटी अवधि में प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन लंबी अवधि में भारत की निजी डिमांड काफी अधिक है और इसका कोई खास असर नहीं होगा।

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Created On :   25 Sept 2025 2:02 PM IST

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