केंद्र सरकार पर बरसे टीएमसी नेता कुणाल घोष, सोनाली खातून मामले पर उठाए सवाल

केंद्र सरकार पर बरसे टीएमसी नेता कुणाल घोष, सोनाली खातून मामले पर उठाए सवाल
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने एक बार फिर केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोनाली खातून को बांग्लादेशी बताते हुए वहां भेजने के मामले में आए हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए केंद्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया।

कोलकाता, 26 सितंबर (आईएएनएस)। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने एक बार फिर केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोनाली खातून को बांग्लादेशी बताते हुए वहां भेजने के मामले में आए हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए केंद्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया।

उन्होंने कहा कि 24 जून को गर्भवती सोनाली खातून, उसके पति और सात साल के बेटे को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया था। कथित तौर पर, महज़ दो दिनों के भीतर उन्हें बांग्लादेश भेज दिया गया। इस मामले को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए और कहा कि आज उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि सोनाली खातून को वापस लाया जाए। इस फैसले से यह साफ है कि केंद्र सरकार ने जल्दबाजी और गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाया।

गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे को लेकर भी कुणाल घोष ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि आज जब गृह मंत्री शाह मां दुर्गा की पूजा कर रहे थे तो वे वास्तव में सत्ता की लालसा में राक्षस की तरह नजर आ रहे थे और भाजपा सरकार बनने की प्रार्थना कर रहे थे। कुणाल ने कहा कि मां दुर्गा का आशीर्वाद ममता बनर्जी और टीएमसी के साथ है, इसी कारण कोई भी शक्ति उन्हें बंगाल की सत्ता से हटा नहीं सकती।

कुणाल घोष ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जब पहलगाम हमला हुआ था, उस समय टीएमसी ने देशहित में केंद्र सरकार का पूरा समर्थन किया था, क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहना जरूरी है। लेकिन ऐसे हमलों और सैन्य कार्रवाइयों का राजनीतिकरण करना पूरी तरह से गलत है। उनका कहना है कि भाजपा शहादत और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है, जो निंदनीय है।

दूसरी ओर, उत्तर 24 परगना के अमदंगा से विधायक रफीकुर रहमान ने एक अपील की है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पांचों समय की नमाज़ों के वक्त माइक्रोफोन बंद कर दिए जाएं। इसका समर्थन करते हुए घोष ने कहा है कि यह किसी बहस का मुद्दा नहीं होना चाहिए, क्योंकि सभी की आस्था का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि धार्मिक आयोजनों के बीच आपसी सम्मान और सौहार्द ही बंगाल की असली पहचान है।

Created On :   26 Sept 2025 10:14 PM IST

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