प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत रोजगार बढ़ाने पर जोर, नियोक्ता सम्मेलन में उद्योग प्रतिनिधियों की भागीदारी

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत रोजगार बढ़ाने पर जोर, नियोक्ता सम्मेलन में उद्योग प्रतिनिधियों की भागीदारी
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत रोजगार और कौशल विकास पर नियोक्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। डीएसजीएमसी सदस्य जसमीत सिंह नोनी ने कहा कि लगभग 100-125 औद्योगिक प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। प्रत्येक बैठक लगभग 2 घंटे तक चली। उन्होंने आश्वासन दिया कि कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

नई दिल्‍ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत रोजगार और कौशल विकास पर नियोक्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। डीएसजीएमसी सदस्य जसमीत सिंह नोनी ने कहा कि लगभग 100-125 औद्योगिक प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। प्रत्येक बैठक लगभग 2 घंटे तक चली। उन्होंने आश्वासन दिया कि कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

जसमीत सिंह नोनी ने आईएएनएस से खास बातचीत में बताया कि उन्होंने भविष्य में रोजगार के लिए अन्य कौशल विकास कार्यक्रमों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) योजना, कौशल, प्रशिक्षण, उद्यमिता और शिक्षा सहायता के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय को सशक्त बनाने की एक प्रमुख पहल है।

प्रधानमंत्री विकास योजना के अंतर्गत रोजगार और कौशल विकास पर नियोक्ता सम्मेलन का उद्देश्य उद्योग संबंधों को मजबूत करना और यह सुनिश्चित करना है कि कौशल विकास सार्थक रोजगार परिणामों में परिणत हो। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) योजना, कौशल, प्रशिक्षण, उद्यमिता और शिक्षा सहायता के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय को सशक्त बनाने की एक प्रमुख पहल है। एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में यह युवाओं को नए जमाने की नौकरियों से लैस करती है, कारीगरों और महिला उद्यमियों का समर्थन करती है, और स्कूल छोड़ने वालों के लिए शिक्षा और आजीविका से फिर से जुड़ने के रास्ते बनाती है।

पीएम विकास का कार्यान्वयन केंद्र और राज्य सरकार के संस्थानों, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से किया जाता है। इसके प्रस्ताव पीएम विकास पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत और निगरानी किए जाते हैं। स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) के साथ पूरी तरह से एकीकृत, यह पोर्टल पारदर्शिता सुनिश्चित करता है और प्रशिक्षुओं की प्रगति और कार्यान्वयन एजेंसियों के प्रदर्शन पर नजर रखता है। इस योजना के तहत, 1.34 लाख लाभार्थियों को शामिल करते हुए 41 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) और राज्य होटल प्रबंधन संस्थान (सीआईएचएम), त्रिपुरा के साथ शुरू की गई परियोजनाओं के तहत, क्रमशः 29,600 और 7,960 लाभार्थियों के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है।

कौशल विकास कार्यक्रमों को उद्योग जगत की जरूरतों के साथ जोड़ना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रशिक्षण से रोजगारपरकता बढ़े। यह कॉन्क्लेव पीएम विकास उम्मीदवारों की नौकरी के लिए तैयारी का मूल्यांकन करने, क्षेत्र-विशिष्ट प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करने और प्लेसमेंट, अप्रेंटिसशिप और नियोक्ताओं की निरंतर भागीदारी के लिए सहयोगात्मक रास्ते तलाशने का एक मंच प्रदान करता है। तेजी से बदलते तकनीकी बदलाव, क्षेत्रीय विकास और बढ़ते वैश्विक अवसरों के साथ, सही कौशल से लैस अल्पसंख्यक युवा भारत की अर्थव्यवस्था में सार्थक योगदान दे सकते हैं।

इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य पीएम विकास उम्मीदवारों के बारे में उद्योग जगत की धारणा का आकलन करना, अतिरिक्त प्रशिक्षण उपायों की पहचान करना और सरकार, प्रशिक्षण संस्थानों और उद्योग के बीच जुड़ाव के मॉडल तलाशना है। इसका उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों, सॉफ्ट स्किल्स और उद्यमिता को पाठ्यक्रम में शामिल करना और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है, जो वंचित समुदायों को सशक्त बनाए, जो कि विकसित भारत-2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

फोकस क्षेत्रों में मीडिया एवं मनोरंजन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार, ऑटोमोटिव एवं परिधान, खाद्य प्रसंस्करण एवं हरित रोजगार, आईटी-आईटीईएस एवं स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन एवं आतिथ्य और एयरोस्पेस एवं विमानन शामिल हैं। जो रोजगार एवं उद्यमिता के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं। इस आयोजन से कौशल विकास कार्यक्रमों और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच बेहतर तालमेल, नीतिगत सुझाव, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और कार्यस्थल पर प्रशिक्षण की रूपरेखा, प्लेसमेंट सहायता और करियर प्रगति की रणनीतियां, परिणामों के मूल्यांकन के लिए मापनीय केपीआई और मापनीय, भविष्य-तैयार कौशल विकास के लिए प्रौद्योगिकी एवं नवाचार का एकीकरण जैसी व्यावहारिक अंतर्दृष्टियां उत्पन्न होने की उम्मीद है।

यह कॉन्क्लेव सरकारी एजेंसियों, उद्योग जगत के दिग्गजों और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर कौशल विकास पहलों में नियोक्ताओं की भागीदारी को मजबूत करेगा। अल्पसंख्यक युवाओं की करियर संबंधी तैयारी और रोजगार क्षमता को बढ़ाएगा और एक आत्मनिर्भर, सशक्त कार्यबल के निर्माण में सहयोग करेगा जो 2047 तक भारत की विकासशील यात्रा में योगदान देगा। इसमें सरकारी अधिकारी, नीति निर्माता, उद्योग जगत के दिग्गज, प्रशिक्षण साझेदार, कौशल विकास संगठन, फ़ाउंडेशन और नियोक्ता शामिल होंगे। कॉन्क्लेव में मुख्य भाषण, पाठ्यक्रम संरेखण, उभरती प्रौद्योगिकियों, प्लेसमेंट के रास्ते, वैश्विक गतिशीलता पर पैनल चर्चाएं, नियोक्ताओं की अंतर्दृष्टि के लिए इंटरैक्टिव सत्र और इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और रोजगार में साझेदारी के लिए नेटवर्किंग के अवसर शामिल हैं।

Created On :   29 Sept 2025 11:50 PM IST

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