यूपी एटीएस ने एक आतंकी को किया गिरफ्तार, शरीयत कानून लागू करने की साजिश नाकाम

यूपी एटीएस ने एक आतंकी को किया गिरफ्तार, शरीयत कानून लागू करने की साजिश नाकाम
यूपी एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। एटीएस ने मंगलवार को मलपुर, केरल से मोहम्मद रजा नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

लखनऊ, 30 सितंबर (आईएएनएस)। यूपी एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। एटीएस ने मंगलवार को मलपुर, केरल से मोहम्मद रजा नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

रजा पर आरोप है कि वह कथित रूप से भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को हटाकर शरीयत कानून लागू करने की साजिश रच रहा था। यूपी एटीएस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी मोहम्मद रजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एटीएस अब इसके नेटवर्क और विदेशी कनेक्शन की गहन जांच में जुटी है।

गौरतलब है कि सोमवार को ही एटीएस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की पहचान अकरम, मोहम्मद तौहीद, कासिम और सफील के रुप में हुई। जांच में सामने आया कि मोहम्मद रजा इन्हीं आरोपियों के साथ मिलकर मुजाहिद आर्मी बनाने की योजना में शामिल था। इनका मकसद गैर-मुस्लिम धार्मिक प्रमुखों की टारगेट किलिंग करना और सरकार को अस्थिर कर गिराना था।

एटीएस के अनुसार, आरोपी पाकिस्तानी संगठन से संपर्क में था और लगातार समान मानसिकता वाले लोगों को रेडिकलाइज़ करके अपने नेटवर्क से जोड़ रहा था। इन सभी की साजिश देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती थी।

इसी तरह, एक अन्य कार्रवाई में 4 अगस्त को यूपी एटीएस ने भारत विरोधी आपराधिक षड्यंत्र रचने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का मंसूबा रखने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एक आरोपी की गिरफ्तारी मुंबई से सटे ठाणे जिले के बदलापुर से हुई थी, जिसका नाम उसामा माज शेख है। वहीं, दूसरे आरोपी अजमल अली की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के अमरोहा से हुई थी।

इस मामने में रिवाइविंग इस्लाम नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप की भी जानकारी सामने आई। इस ग्रुप में 3 एडमिन समेत लगभग 400 पाकिस्तानी मेंबर हैं। इस ग्रुप में एक नंबर उत्तर प्रदेश का भी जुड़ा है। यह मोबाइल नंबर अजमल अली का था, जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से राष्ट्रविरोधी व गैर-मुस्लिम धर्म के व्यक्तियों के प्रति कट्टरपंथी विचारधारा को प्रसारित-प्रचारित कर रहा था। एटीएस की पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वह व्हाट्सएप पर रिवाइविंग इस्लाम ग्रुप के अलावा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई पाकिस्तानी व्यक्तियों के संपर्क में था।

दोनों आरोपी मुस्लिम नवयुवकों को गैर-मुस्लिमों के प्रति भड़का कर उनमें रोष पैदा करते थे और उनको भारत विरोधी, आपराधिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करते थे।

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Created On :   30 Sept 2025 6:36 PM IST

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