भारत मिट्टी का टुकड़ा नहीं है, बल्कि सूफी संतों का देश और एक महान संस्कृति है राज नेहरू

भारत मिट्टी का टुकड़ा नहीं है, बल्कि सूफी संतों का देश और एक महान संस्कृति है राज नेहरू
'सेवा पखवाड़ा' के तहत शुक्रवार को हरियाणा के राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में भव्य सूफी नाइट का आयोजन किया गया। हरियाणा कला परिषद कुरुक्षेत्र द्वारा प्रस्तुत यह कार्यक्रम 'राष्ट्र प्रथम' थीम पर आधारित था, जिसका आयोजन सशक्त युवा फाउंडेशन और दरगाह विकास समिति के सौजन्य से हुआ।

नूंह, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। 'सेवा पखवाड़ा' के तहत शुक्रवार को हरियाणा के राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में भव्य सूफी नाइट का आयोजन किया गया। हरियाणा कला परिषद कुरुक्षेत्र द्वारा प्रस्तुत यह कार्यक्रम 'राष्ट्र प्रथम' थीम पर आधारित था, जिसका आयोजन सशक्त युवा फाउंडेशन और दरगाह विकास समिति के सौजन्य से हुआ।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के ओएसडी राज नेहरू ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध वारसी ब्रदर्स ग्रुप ने अपनी सूफियाना प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

राज नेहरू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैंने इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने का फैसला इसलिए किया क्योंकि यह देश हमेशा से सूफी संतों की धरती रहा है। भारत केवल मिट्टी का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह सूफी संतों का देश और एक महान संस्कृति है। जहां दुनिया की बड़ी-बड़ी सभ्यताएं मिट गईं, वहीं भारत आज भी मजबूती से खड़ा है।"

उन्होंने कहा, "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। भारत की सभ्यता हजारों वर्षों से लोगों को जोड़े रखने वाली मशाल है।"

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर इस संस्कृति और एकता के संदेश को लोगों के दिलों तक पहुंचाना जरूरी है ताकि यह मशाल हमेशा जलती रहे और देश तरक्की करे।

उन्होंने नूंह जिले के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह शहीदों की भूमि है और यहां की मिट्टी से मिरासी समाज के बड़े गायक (जैसे सलमान अली) निकले हैं। यह स्थान 'हम एक हैं, भारत एक है' के संदेश को पूरे देश में मजबूती से प्रसारित करने के लिए सबसे उपयुक्त है, इसीलिए नूंह को चुना गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर मुकेश वशिष्ठ, जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पिंटू और मेडिकल कॉलेज निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सूफी नाइट में विशेष रूप से मिरासी समाज के लोगों को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने अपनी गायन परंपरा के साथ कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया।

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Created On :   3 Oct 2025 11:33 PM IST

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