त्रुटिपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर नहीं जारी होगा कोई कुनबी प्रमाणपत्र सीएम देवेंद्र फडणवीस

मुंबई, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि सरकार की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि उसके फैसलों का दुरुपयोग करके ओबीसी सहित किसी भी समुदाय के साथ अन्याय न हो।
उन्होंने पात्र मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए हैदराबाद गजट को लागू करने के सरकार के फैसले का बचाव किया और कहा कि त्रुटिपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर किसी को भी कुनबी प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा।
वह ओबीसी प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक में बोल रहे थे, जबकि उनमें से एक वर्ग मराठों को प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ कुनबी प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए 2 सितंबर को जारी सरकारी प्रस्ताव को वापस लेने की मांग कर रहा था।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, "मराठवाड़ा एकमात्र ऐसा क्षेत्र था, जहां अंग्रेजों का नहीं, बल्कि निजाम का शासन था। इसलिए, वहां के अभिलेखों के आधार पर हैदराबाद राजपत्र को स्वीकार कर लिया गया है। किसी भी कुनबी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकारी प्रस्ताव जारी करते समय कानून का पूरा पालन किया गया है, और यह आशंका कि किसी को केवल विवाह या शपथ पत्र के आधार पर प्रमाण पत्र मिल जाएगा, निराधार है। जाति प्रमाण पत्र जारी करने और उनके सत्यापन की प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए नियम बनाए गए हैं। जाति वैधता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक वंशावली समिति का गठन किया गया है और जारी किए गए प्रमाण पत्रों की समिति द्वारा आगे की जांच की जाएगी।"
सीएम फडणवीस ने आगे कहा कि ओबीसी समुदाय के लिए एक अलग कैबिनेट उप-समिति बनाई गई है। इस समिति को कैबिनेट के अधिकार दिए गए हैं और यह राज्य की सभी योजनाओं की निगरानी के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने आगे कहा, "ओबीसी वर्ग की उपजातियों के लिए कई निगम बनाए गए हैं। इन निगमों को शेयर पूंजी दी गई है। हमने इन सभी निगमों के लिए अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास निगम की योजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया है।"
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा कानून के दायरे में निर्णय लेती है और उसकी भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि उसके निर्णयों का दुरुपयोग करके ओबीसी सहित किसी भी समुदाय के साथ अन्याय न हो।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार हर समुदाय को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सीएम फडणवीस ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति) को आवश्यक धनराशि उपलब्ध करा दी गई है, जो राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), वंचित जातियों, घुमंतू जनजातियों और विशेष पिछड़ा वर्ग के समग्र विकास को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस महीने 1500 करोड़ रुपए वितरित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस के अनुसार, राज्य में ओबीसी के लिए 63 छात्रावास बनाए गए हैं। साथ ही, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अण्णासाहेब पाटिल आर्थिक विकास महामंडल की सभी योजनाओं को इन महामंडलों में लागू किया गया है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसी भी समुदाय को आरक्षण देते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि अन्य के अधिकार प्रभावित न हों।
उन्होंने आश्वासन दिया, "सरकार की नीति ओबीसी, एससी, एसटी या अन्य सभी समूहों को न्याय प्रदान करना है। कानून के दायरे में निर्णय लिया जाएगा। झूठे प्रमाण पत्र देना अपराध है। ऐसे सभी मामलों में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
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Created On :   4 Oct 2025 10:43 PM IST