हमास ने कैदी विनिमय के लिए शांति वार्ता की शर्तें रखीं

फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने इजरायली बंदियों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई से जुड़े अपने "20-सूत्रीय योजना" के क्रियान्वयन के लिए कड़े शर्तें रखीं हैं। इनमें पूर्ण युद्धविराम, गाजा पट्टी के घनी आबादी वाले इलाकों से इजरायली सेना की वापसी और अन्य सुरक्षा संबंधी मांगें शामिल हैं।

बीजिंग, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने इजरायली बंदियों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई से जुड़े अपने "20-सूत्रीय योजना" के क्रियान्वयन के लिए कड़े शर्तें रखीं हैं। इनमें पूर्ण युद्धविराम, गाजा पट्टी के घनी आबादी वाले इलाकों से इजरायली सेना की वापसी और अन्य सुरक्षा संबंधी मांगें शामिल हैं।

6 अक्टूबर को मिस्र में अमेरिका द्वारा प्रस्तावित इस "20-सूत्रीय योजना" के तहत हमास और इजरायल के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता प्रारंभ होने जा रही है, जिसमें युद्ध विराम, कैदियों की रिहाई, और इजरायली सैनिकों की प्रारंभिक वापसी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा होगी।

हमास के सूत्रों के अनुसार, कैदी विनिमय के लिए वे प्रमुख शर्तें रख रहे हैं, जिनमें पूर्ण युद्धविराम का कड़ाई से पालन होना, जनवरी में हुए पिछले युद्धविराम समझौते के दौरान इजरायली सेना का अपने पूर्व ठिकानों पर वापस लौटना, और इजरायली वायुसेना द्वारा प्रतिदिन कम से कम 10 घंटे तक लड़ाकू विमानों व ड्रोन की उड़ानें रोकना शामिल है। खासकर बंदियों की रिहाई के दिन यह अवधि 12 तक बढ़ाने की मांग की गई है।

वार्ता संभावित रूप से एक सप्ताह या इससे अधिक अवधि तक चल सकती है, और हमास इस पूरे समय में इन उपायों के कठोर पालन की मांग करता रहेगा।

(साभार – चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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Created On :   6 Oct 2025 4:04 PM IST

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