हमारी त्वचा करती है पूरे शरीर की सुरक्षा, आयुर्वेद में हैं निखारने के कारगर उपाय

हमारी त्वचा करती है पूरे शरीर की सुरक्षा, आयुर्वेद में हैं निखारने के कारगर उपाय
हमारे शरीर में बहुत सारे महत्वपूर्ण अंग हैं जिनके बिना शरीर का कार्य करना नामुमकिन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी त्वचा भी हमारे लिए बहुत अहम होती है, जो हमें बहुत सारे रोग और संक्रमण से बचाती है।

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। हमारे शरीर में बहुत सारे महत्वपूर्ण अंग हैं जिनके बिना शरीर का कार्य करना नामुमकिन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी त्वचा भी हमारे लिए बहुत अहम होती है, जो हमें बहुत सारे रोग और संक्रमण से बचाती है।

हमारी त्वचा हमारे शरीर के बाहरी आवरण की तरह कार्य करती है और हर 28 से 30 दिन के भीतर खुद को पूरी तरह बदल लेती है। असल में स्किन में मौजूद कई कोशिकाएं टूटती हैं और नए सिरे से स्किन की ऊपरी परत को बनाने का काम करती हैं। मतलब हर 28 से 30 दिन के अंदर नई त्वचा जन्म लेती है।

आयुर्वेद में स्किन की परत को कई भागों में बांटा गया है। पहले आती है 'अवभासिनी,' जिसे स्किन की सबसे ऊपरी परत माना जाता है और जो चमकदार होती है। फिर आती है 'लोहिता,' जो रोमछिद्रों से बनी परत होती है, जो अवभासिनी से नीचे होती है। इसके बाद आती है 'वेधिनी'... ये परत बहुत सेंसटिव होती है, जो टच का अहसास दिलाती है। चौथे नंबर पर है 'रोहिणी,' जो परत घाव को भरने में मदद करती है और कई कोशिकाओं के मेल से बनी होती है। पांचवें नंबर पर आती है 'मम्सा धारिनी,' जो परत मांस से जुड़ी होती है और बिल्कुल झिल्ली के जैसी होती है…ये भी घाव को संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं।

रक्त धारिनी छठे नंबर पर आती है, जो रक्त से जुड़ी परत होती है, जो पोषण का काम करती हैं। सातवें नंबर पर आती है श्वेता, जो सबसे निचली परत होती है।

आयुर्वेद में स्किन का ध्यान रखने के उपाय बताए गए हैं और ये आपको अपने घर की किचन में ही मिल जाएंगे। स्किन में अंदर से सुधार लाने के लिए सबसे पहले अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी है। संतुलित आहार लेना, पूरी अच्छी नींद लेना, और योग और प्राणायाम से अपनी स्किन में सुधार लाया जा सकता है। संतुलित आहार में ताजे फल और हरी सब्जियां ले सकते हैं, ये स्किन के निर्माण में मदद करते हैं और उसे चमकदार बनाने का काम करते हैं।

इसके अलावा सुबह गुनगुना पानी पीना भी अच्छा रहता है। इससे पेट साफ रहता है और आंतों में मौजूद गंदगी निकल जाती है। हल्दी और नीम का सेवन करने से भी स्किन साफ होती है और सही तरीके से काम भी करती है। हल्दी और नीम रक्त को साफ करने का काम करते हैं, जिससे स्किन में निखार आता है। आयुर्वेद में ऐसे कुछ प्राकृतिक लेप का जिक्र किया गया है, जो स्किन की देखभाल करने में सहायक हैं। हल्दी और बेसन का लेप स्किन के दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद करता है। इसके अलावा नारियल या बादाम के तेल से मालिश करने से भी स्किन अच्छी रहती है। इससे शरीर में रक्त का संचार बना रहता है।

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Created On :   7 Oct 2025 11:33 AM IST

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