उत्तर बंगाल में आई बाढ़ पर बोलीं ममता बनर्जी, "घटना का राजनीतिकरण कर रहे कुछ लोग"

उत्तर बंगाल में आई बाढ़ पर बोलीं ममता बनर्जी, घटना का राजनीतिकरण कर रहे कुछ लोग
उत्तर बंगाल के जिलों में बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। कई गांव जलमग्न हो गए, और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत और बचाव कार्य के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी।

कोलकाता, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल के जिलों में बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। कई गांव जलमग्न हो गए, और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत और बचाव कार्य के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी।

ममता बनर्जी ने कहा कि हर कोई स्थिति को संभालने के लिए जी-जान से जुटा हुआ है। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी चौबीसों घंटे काम करके पूरी तरह थक चुके हैं। घटना वाली रात हमारे प्रशासन ने स्थानीय लोगों को चेतावनी जारी की थी, लेकिन लोग आमतौर पर अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहते, इसलिए बाढ़ का प्रभाव ज्यादा था। नागराकाटा कोई निचला इलाका नहीं है, लेकिन अचानक आई बाढ़ ने इलाके में भारी तबाही मचा दी।

उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर की सुबह मैंने 5 बजे एक बैठक की और मुझे बताया गया कि सुबह 9 बजे तक राहत कार्य में शामिल सभी अधिकारी-अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पुलिस, स्वास्थ्य और स्थानीय अधिकारी, पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके थे।

ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग इस घटना का राजनीतिकरण कर रहे थे और दुर्गा पूजा उत्सव पर लगातार हमले कर रहे थे। उत्सव की इतनी तैयारियां पहले ही हो चुकी थीं, पैसा लगा था, और विदेशी प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो रहे थे। इसे अचानक कैसे रोका जा सकता है?

उन्होंने कहा कि अगर हम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच जाते तो क्या होता? पुलिस और अन्य विभागों का काम लोगों को बचाना, प्रभावितों के साथ खड़े रहना और राहत शिविरों का संचालन करना था, न कि वीआईपी व्यवस्थाओं और उनके साथ आने वालों की देखभाल करना।

उन्होंने कहा कि प्रभावित और असहाय लोगों के साथ खड़ा होना जरूरी है। लोग इन परिस्थितियों में बहुत कमजोर होते हैं, क्योंकि उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों में सहानुभूति रखना और बिना किसी हंगामे और बहस के शांति और चतुराई से निपटना बहुत जरूरी है। मैंने व्यक्तिगत रूप से 21 प्रभावित परिवारों से मुलाकात की है और उन्हें 5-5 लाख रुपए के चेक सौंपे हैं।

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Created On :   7 Oct 2025 10:51 PM IST

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