गुजरात पशुपालन करके सशक्त बनीं डांग की महिलाएं

गुजरात  पशुपालन करके सशक्त बनीं डांग की महिलाएं
केंद्र सरकार की तरफ से देश की आधी आबादी को ध्यान में रखकर कई जनकल्याणी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका मकसद देश की ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और महिला सशक्तीकरण के लिए प्रेरित करना है।

डांग, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की तरफ से देश की आधी आबादी को ध्यान में रखकर कई जनकल्याणी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका मकसद देश की ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और महिला सशक्तीकरण के लिए प्रेरित करना है।

सरकार की सफल पहल का असर गुजरात के डांग जिले के दूर-दराज ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिल रहा है, जहां महिलाएं पशुपालन का व्यवसाय कर अपना और परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं।

डांग जिले के सुबीर तालुका में स्थित खांभाला गांव की रहने वाली लक्ष्मीबेन कामडी ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि कैसे वह पशुपालन के व्यवसाय से लखपति बनीं।

उन्होंने बताया कि डांग जिले के छोर पर स्थित खांभाला गांव की आदिवासी महिलाओं को आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपना घर चलाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।

उन्होंने आर्थिक स्थिति सुधारने का विचार किया। इसी क्रम में उन्होंने गांव की महिलाओं के साथ चर्चा कर 'पार्वती वन बचत समूह' बनाया। शुरुआत में समूह की सभी महिलाओं के साथ मिलकर 100 रुपए जमा करना शुरू कर दिया।

लक्ष्मीबेन ने बताया कि समूह को मिशन मंगलम शाखा, सुबीर तालुका द्वारा 30,000 रुपए का रिवॉल्विंग फंड दिया गया था। उसी शाखा की सिफारिश से समूह को पहली बार एक लाख, फिर दो और आखिर में तीन लाख रुपए का लोन मिला। इन रुपए से पहले एक गाय खरीदी गई और पशुपालन का व्यवसाय शुरू किया गया। अच्छी आय होने के कारण और ज्यादा गायें खरीदने का विचार आया। आज चार से पांच गायें हैं और एक महीने की आय 15 से 20,000 रुपए होती है। वहीं, सालाना आय 1,50,000 रुपए हो रही है।

लक्ष्मीबेन कामडी की बेटी सीमा एम. कामडी ने बताया, "पहले हमारे गांव में आय का कोई स्रोत नहीं था और घर चलाना बहुत मुश्किल था। बाद में, हमें मिशन मंगलम से मार्गदर्शन मिला और हमारे गांव में व्यवसाय शुरू हुआ। व्यवसाय शुरू होने के बाद, हमें 30,000 रुपए का रिवॉल्विंग फंड मिला। इसके बाद, हमें बैंक से ज्यादा लोन मिला। इनकी मदद से हमने पशुपालन का व्यापार शुरू किया, जिससे आज हमारी अच्छी आय हो रही है।"

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Created On :   7 Oct 2025 11:36 PM IST

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