प्रतापगढ़ की रक्षक मां बेल्हा देवी, जिनके दरबार में हाजिरी लगाने दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

प्रतापगढ़ की रक्षक मां बेल्हा देवी, जिनके दरबार में हाजिरी लगाने दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ शहर की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक कोई बेल्हा देवी के दर्शन न कर ले। यह मंदिर देवी दुर्गा के स्थानीय स्वरूप मां बेल्हा भवानी को समर्पित एक प्रसिद्ध और प्राचीन धार्मिक स्थल है।

प्रतापगढ़, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ शहर की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक कोई बेल्हा देवी के दर्शन न कर ले। यह मंदिर देवी दुर्गा के स्थानीय स्वरूप मां बेल्हा भवानी को समर्पित एक प्रसिद्ध और प्राचीन धार्मिक स्थल है।

मां बेल्हा को प्रतापगढ़ की रक्षक देवी माना जाता है, जो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। यह मंदिर सई नदी के तट पर स्थित है और यह स्थान कई सदियों से पूजा-अर्चना का केंद्र रहा है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, खासकर नवरात्रि के दिनों में मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, बेल्हा देवी मंदिर वह स्थान है, जहां भगवान शिव और देवी शक्ति का निवास माना जाता है। इस कारण यह मंदिर शक्ति उपासना का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

ऐतिहासिक रूप से माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण अवध राज्य के राजा प्रताप बहादुर सिंह ने सन 1811 से 1815 के बीच करवाया था। मंदिर को अवध राजाओं का संरक्षण प्राप्त था और तब से यह प्रतापगढ़ की धार्मिक पहचान का केंद्र बना हुआ है।

मंदिर का गर्भगृह अत्यंत पवित्र है, जहां मां बेल्हा देवी की पूजा पिंडी (पत्थर के रूप) के रूप में की जाती है। गर्भगृह के ऊपर देवी की सुंदर संगमरमर की मूर्ति स्थापित है, जिसे आकर्षक वस्त्रों और आभूषणों से सजाया जाता है।

मंदिर का शिल्प सरल और भव्य है। संगमरमर की देवी प्रतिमा एक छोटे से चांदी के गुंबद वाले मंदिर में विराजमान है, जो देखने में बहुत सुंदर लगता है। यहां पूजा की परंपरा आज भी वैसे ही निभाई जाती है जैसी सदियों पहले आरंभ हुई थी।

बेल्हा देवी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह प्रतापगढ़ की सांस्कृतिक पहचान भी है। मां बेल्हा की महिमा से यह मंदिर लोगों को भक्ति, शक्ति और शांति का संदेश देता है। जो भी यहां श्रद्धा से आता है, वह देवी की कृपा और आत्मिक शांति का अनुभव जरूर करता है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   17 Oct 2025 6:42 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story