टिकट बंटवारे से नाराज राजद नेताओं का सामूहिक इस्तीफा, कहा- अपमानजनक राजनीति नहीं करेंगे

टिकट बंटवारे से नाराज राजद नेताओं का सामूहिक इस्तीफा, कहा- अपमानजनक राजनीति नहीं करेंगे
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बड़ा झटका लगा है। टिकट वितरण में उपेक्षा और पक्षपात के आरोप लगाते हुए पार्टी के अति पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ से जुड़े 50 नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। दरभंगा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाराज नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए और खुलकर अपनी बातें रखी।

दरभंगा, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बड़ा झटका लगा है। टिकट वितरण में उपेक्षा और पक्षपात के आरोप लगाते हुए पार्टी के अति पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ से जुड़े 50 नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। दरभंगा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाराज नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए और खुलकर अपनी बातें रखी।

इस्तीफा देने वालों में प्रमुख नामों में भोला सहनी (प्रदेश महासचिव), कुमार गौरव (प्रदेश उपाध्यक्ष), गोपाल लाल देव (प्रधान महासचिव), श्याम सुंदर कामत (जिला महासचिव), सुशील सहनी (प्रदेश सचिव) सहित कई जिला और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी शामिल हैं।

सभी ने आरोप लगाया कि वर्षों से अति पिछड़ा समाज राजद के लिए समर्पण और मेहनत से काम कर रहा है, लेकिन टिकट बंटवारे के समय इस वर्ग की पूरी तरह अनदेखी की गई।

राजद अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. कुमार गौरव ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी में अब विचारधारा नहीं बची है। यहां अब केवल चापलूसी और धनबल की राजनीति रह गई है। हमारे समाज को नजरअंदाज कर पार्टी ने साबित कर दिया कि वह सिर्फ कुछ चुनिंदा चेहरों की पार्टी बनकर रह गई है।

उन्होंने कहा कि वे और उनके साथी अब 'अपमानजनक राजनीति' नहीं करेंगे।

पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष और राजद नेता भोला सहनी ने कहा कि ईमानदार और समर्पित कार्यकर्ताओं का पार्टी में लगातार मनोबल टूट रहा है। हर बार अति पिछड़ा समाज को सिर्फ वोट बैंक समझा जाता है, लेकिन जब हिस्सेदारी की बात आती है तो उसे दरकिनार कर दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वालों में जिला प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, कई प्रखंड अध्यक्ष और पंचायत स्तर के कार्यकर्ता शामिल हैं।

नेताओं ने यह भी चेताया कि यह असंतोष पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर सीधा असर डालेगा। उन्होंने कहा कि अगर नेतृत्व ने अब भी कार्यकर्ताओं की आवाज नहीं सुनी, तो राजद को आने वाले चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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Created On :   22 Oct 2025 10:55 PM IST

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