बिहार चुनाव अमरपुर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, कांग्रेस-जदयू में सीधी लड़ाई

बिहार चुनाव  अमरपुर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, कांग्रेस-जदयू में सीधी लड़ाई
बिहार के बांका जिले में स्थित अमरपुर विधानसभा क्षेत्र बांका लोकसभा सीट का हिस्सा है। यह क्षेत्र शंभूगंज और अमरपुर प्रखंडों को मिलाकर बना है। अमरपुर एक अधिसूचित क्षेत्र है, जिसे सामुदायिक विकास खंड का दर्जा प्राप्त है। यह क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है।

पटना, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के बांका जिले में स्थित अमरपुर विधानसभा क्षेत्र बांका लोकसभा सीट का हिस्सा है। यह क्षेत्र शंभूगंज और अमरपुर प्रखंडों को मिलाकर बना है। अमरपुर एक अधिसूचित क्षेत्र है, जिसे सामुदायिक विकास खंड का दर्जा प्राप्त है। यह क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है।

अमरपुर के बनहारा गांव को स्थानीय लोगों के अनुसार मुगल शासक शाहजहां के समय बंगाल और बिहार के गवर्नर शाह सुजा ने मुख्यालय बनाया था। वहीं, डुमरामा गांव में पाए गए स्तूपों के अवशेष इस क्षेत्र में प्राचीन बौद्ध मठों के होने के प्रमाण हैं। इस गांव को खतौरी प्रधानों का निवास स्थान माना जाता है, जिनमें राजा देवई ने किले का निर्माण कराया था।

अमरपुर विधानसभा क्षेत्र धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। ज्येष्ठगौरनाथ, चांदन नदी के बाएं तट पर अमरपुर-बांका मार्ग से 2 किमी पूर्व में स्थित, एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है। यह शिव मंदिर चांदन नदी के पश्चिम में एक पहाड़ी पर बना है, जहां एक काली मंदिर और प्राचीन कुआं भी मौजूद है। शिवरात्रि के अवसर पर यहां भव्य मेला लगता है, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

शंभूगंज प्रखंड के असौता गांव के निकट गौरीपुर में खड़गपुर की महारानी चन्द्रज्योति की ओर से निर्मित शिव मंदिर है। इसके अलावा चुटिया गांव की पहाड़ी पर चुटेश्वरनाथ मंदिर और एक विशाल गुफा स्थित है, जहां पत्थरों पर रथ के पहिए के निशान पाए जाते हैं।

राजनीतिक इतिहास की बात करें तो, अमरपुर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1957 में हुई थी और तब से अब तक 16 विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। कांग्रेस ने चार बार जीत दर्ज की, लेकिन आखिरी बार 1985 में सफल रही। इसके बाद राजद और जदयू ने तीन-तीन बार जीत हासिल की है। संयुक्त समाजवादी पार्टी को दो बार, जबकि भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी, जनता दल और निर्दलीय प्रत्याशी को एक-एक बार जीत मिली।

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के जयंत राज कुशवाहा ने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को कड़ी टक्कर देते हुए हराया था।

इस बार चुनाव में कांग्रेस ने जितेंद्र सिंह को टिकट दिया है, जबकि जदयू ने जयंत राज और जन सुराज ने सुजाता वैद्य को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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Created On :   23 Oct 2025 10:06 PM IST

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