व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या से हैं परेशान तो ये आयुर्वेदिक नुस्खे देंगे आराम

व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या से हैं परेशान तो ये आयुर्वेदिक नुस्खे देंगे आराम
लिकोरिया या श्वेत प्रदर महिलाओं की एक आम लेकिन अक्सर अनदेखी की जाने वाली समस्या है। इसे कई बार सामान्य समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि यह शरीर का एक हेल्प सिग्नल है जो बताता है कि शरीर के भीतर कुछ असंतुलन या संक्रमण हो रहा है।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। लिकोरिया या श्वेत प्रदर महिलाओं की एक आम लेकिन अक्सर अनदेखी की जाने वाली समस्या है। इसे कई बार सामान्य समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि यह शरीर का एक हेल्प सिग्नल है जो बताता है कि शरीर के भीतर कुछ असंतुलन या संक्रमण हो रहा है।

लिकोरिया का मतलब है योनि से होने वाला असामान्य सफेद स्राव, जो कभी-कभी पतला, कभी चिपचिपा या पीले रंग का भी हो सकता है। आयुर्वेद में इसे कफ दोष की वृद्धि से जुड़ी समस्या बताया गया है। जब शरीर की अग्नि यानी पाचन और चयापचय की शक्ति कमजोर पड़ जाती है, तब कफ बढ़ने लगता है और यही स्थिति श्वेतप्रदर के रूप में सामने आती है।

लिकोरिया के पीछे कई कारण होते हैं, जैसे फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन, मानसिक तनाव, नींद की कमी, असंतुलित खानपान या फिर साफ-सफाई की अनदेखी। बहुत ज्यादा मीठा, तला या ठंडा खाना कफ बढ़ाता है, जिससे स्राव बढ़ सकता है। तनाव और थकान भी शरीर की ऊर्जा को कमजोर कर देते हैं, जिससे यह समस्या गहराती जाती है।

इसके मुख्य लक्षण हैं योनि से लगातार सफेद या पीला स्राव, कमर या पेट में भारीपन, कमजोरी, चक्कर, थकान, खुजली या जलन, और चिड़चिड़ापन। अगर यह समस्या 10-15 दिनों से अधिक रहे तो यह केवल संक्रमण नहीं, बल्कि शरीर में असंतुलन का संकेत है।

आयुर्वेद में लिकोरिया के उपचार के लिए कई घरेलू उपाय बताए गए हैं जो बिना दुष्प्रभाव के असर दिखाते हैं। जैसे, मेथी दाने का पानी गर्भाशय की सफाई करता है और संक्रमण घटाता है। आंवला रस या पाउडर योनि की दीवारों को मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। नीम पत्तों का काढ़ा फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण को खत्म करता है। लहसुन का सेवन एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण संक्रमण को रोकता है। धनिए का पानी और छाछ शरीर की गर्मी और कफ दोनों को संतुलित करते हैं। अशोक छाल और त्रिफला चूर्ण गर्भाशय को टोन करते हैं और विषैले तत्वों को बाहर निकालते हैं। नारियल पानी ठंडक देता है और जलन कम करता है।

संतुलित आहार और सही दिनचर्या लिकोरिया के उपचार में अहम भूमिका निभाते हैं। तुलसी, गिलोय, लौकी, मूंग, जौ और दालचीनी जैसे प्राकृतिक पदार्थ इस समस्या को जड़ से ठीक करने में मदद करते हैं। योगासन जैसे भुजंगासन, सेतुबंधासन और अनुलोम-विलोम पेल्विक क्षेत्र में रक्त संचार को सुधारते हैं और मानसिक तनाव घटाते हैं।

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Created On :   26 Oct 2025 5:58 PM IST

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