गांधीनगर में ‘गाइडेड बाई विजन, गवर्न्ड बाई वैल्यूज’ विषय पर ‘अटल संस्मरण व्याख्यानमाला’ के दूसरे सत्र का आयोजन

गांधीनगर में ‘गाइडेड बाई विजन, गवर्न्ड बाई वैल्यूज’ विषय पर ‘अटल संस्मरण व्याख्यानमाला’ के दूसरे सत्र का आयोजन
देश के पूर्व प्रधानमंत्री तथा भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा समग्र वर्ष के दौरान ‘अटल संस्मरण व्याख्यानमाला’ का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण प्रभाग, सामान्य प्रशासन विभाग अधीनस्थ सरदार पटेल लोक प्रशासन संस्थान (स्पीपा) द्वारा अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन (एएमए) के सहयोग से 28 अक्टूबर 2025 को स्पीपा के गांधीनगर स्थित परिसर में ‘गाइडेड बाई विजन, गवर्न्ड बाई वैल्यूज’ विषय पर ‘अटल संस्मरण व्याख्यानमाला’ के दूसरे सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

गांधीनगर, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री तथा भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा समग्र वर्ष के दौरान ‘अटल संस्मरण व्याख्यानमाला’ का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण प्रभाग, सामान्य प्रशासन विभाग अधीनस्थ सरदार पटेल लोक प्रशासन संस्थान (स्पीपा) द्वारा अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन (एएमए) के सहयोग से 28 अक्टूबर 2025 को स्पीपा के गांधीनगर स्थित परिसर में ‘गाइडेड बाई विजन, गवर्न्ड बाई वैल्यूज’ विषय पर ‘अटल संस्मरण व्याख्यानमाला’ के दूसरे सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

इस अवसर पर नई दिल्ली स्थित मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (एमपी-आईडीएसए) के महानिदेशक तथा भारत के पूर्व राजदूत सुजन आर. चिनॉय ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का एक विराट व्यक्तित्व था। वे एक बुद्धिजीवी, कवि, दार्शनिक तथा उम्दा राजनेता थे। वाजपेयी जी ने सत्ता, पद, संपत्ति तथा राजनीतिक मामलों को अपने दृष्टिकोण पर कभी हावी नहीं होने दिया। भारत के नागरिकों का कल्याण तथा शांतिपूर्ण सहअस्तित्व उनकी नीतियों के केन्द्र में थे।

चिनॉय ने कहा कि वाजपेयीजी एक प्रभावशाली वक्ता थे। वे हिन्दी, अंग्रेजी तथा उर्दू भाषा सरलता से बोल सकते थे। वाजपेयीजी किसी विचार, नीति या विचारधारा के विरुद्ध नहीं थे और व्यक्तिगत स्तर पर किसी को नाराज नहीं करते थे। ऐसे गुणों के परिणामस्वरूप उनके विरोधी भी उनकी प्रशंसा करते थे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1950 के दशक में वाजपेयी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी, जो पांच दशकों से अधिक समय तक चला था। उन्होंने लोकसभा में 10 टर्म के लिए संसद सदस्य के रूप में तथा राज्यसभा में दो टर्म तक सेवाएं दीं। वाजपेयी हमेशा भारत से जुड़े मुद्दों व राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में रुचि रखते थे। देश की क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता पर उनके मत बहुत ही सुदृढ़ थे।

भारत के पूर्व राजदूत ने जोड़ा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विशेषकर चीन एवं पाकिस्तान के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के प्रयास बहुत ही परिणामदायी थे। विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री, दोनों के रूप में वे उत्तम सिद्ध हुए थे, जिसका उदाहरण पाकिस्तान के साथ लाहौर बस यात्रा और करगिल संघर्ष के दौरान नियंत्रण रेखा पार न करने के निर्णयों से देखने को मिलता है। इसके अतिरिक्त चीन के साथ उनकी मंत्रणा एक महत्वपूर्ण सफलता सिद्ध हुई थी, जिसके फलस्वरूप सिक्किम को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता मिली थी और सीमा विवाद पर मंत्रणा के लिए विशेष प्रतिनिधियों के साथ बातचीत का प्रारंभ हुआ था। इतना ही नहीं, भारत तथा अमेरिका के बीच शीत युद्ध के बाद की रणनीतिक भागीदारी के निर्माता के रूप में वाजपेयी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध हुई थी।

सुजन आर. चिनॉय ने जोड़ा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के नेतृत्व में वर्ष 2000 से 2005 का कालखंड भारत-चीन के बीच व्यापार एवं आर्थिक संबंधों के मामले में स्वर्णिम युग के रूप में जाना जाता था। इस दौरान लगभग सभी बड़ी भारतीय आईटी, फार्मास्युटिकल जैसी विभिन्न कंपनियां चीन में निवेश कर रही थीं। प्रधानमंत्री वाजपेयी ने वर्ष 2003 में अपनी शंघाई यात्रा के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी पर आयोजित प्रथम परिषद् को संबोधित किया था और भारत-चीन की आईटी कंपनियों के बीच रणनीतिक जुड़ाव का आह्वान किया था।

यहां उल्लेखनीय है कि इस ‘अटल संस्मरण व्याख्यानमाला’ के मुख्य वक्ता भारत के पूर्व राजदूत सुजन रमेशचंद्र चिनॉय एक अनुभवी राजनयिक हैं, जिन्होंने पूर्वी एशिया तथा मध्य-पूर्व में मुख्य पोस्टिंग सहित विश्वभर में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों में भारत को सेवा दी है। इतना ही नहीं, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय राजनयिक, रणनीतिक मामलों और आर्थिक भागीदारी की अपनी गूढ़ समझ-बूझ के जरिए भारत की विदेश नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

हाल में चिनॉय नई दिल्ली स्थित एमपी-आईडीएसए के महानिदेशक के रूप में सेवा दे रहे हैं, जो रक्षा एवं रणनीतिक मामलों पर भारत के अग्रणी थिंक टैंकों में से एक है। चिनॉय राष्ट्रीय सुरक्षा-अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर अमूल्य अंतर्दृष्टि तथा मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

उन्होंने भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए थिंक20 समूह का नेतृत्व किया और पीएमएमएल की एग्जीक्यूटिव काउंसिल तथा भारतीय वैश्विक मामलों की परिषद् की गवर्निंग काउंसिल में सेवा भी दी। उन्होंने सीएपीएफ आधुनिकीकरण योजनाओं के मध्यावधि मूल्यांकन का अध्यक्ष पद संभाला और 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा पश्चिम अफ्रीका में सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के हिस्सा बने।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   29 Oct 2025 6:57 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story