हवा में फैलते प्रदूषण से अपनी आंखों का कैसे रखें ख्याल, डॉक्टर सुदर्शन ने दिए टिप्स
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली एम्स में नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर सुदर्शन खोखर ने प्रदूषण और दूसरे कारणों से आंखों को हो रहे नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि हम कैसे अपनी आंखों को हेल्दी रख सकते हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर सुदर्शन खोखर कहते हैं कि अगर आपका कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो जाता है तो आप अपनी दृष्टि वापस पाने के लिए कॉर्निया प्रत्यारोपण करवा सकते हैं। हालांकि, अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा तो एक समय ऐसा आएगा जब कोई भी कॉर्निया प्रत्यारोपण प्रभावी नहीं होगा, क्योंकि प्रदूषण के कारण कॉर्निया स्वयं क्षतिग्रस्त होता रहेगा।
उन्होंने कहा कि हर साल दीपावली के दौरान हम देखते हैं कि प्रदूषण की एक चादर दिल्ली-एनसीआर में बन जाती है, जिसका असर हमारी आंखों पर भी पड़ता है। इन दिनों ऐसी ही कई समस्याओं को लेकर मरीज अस्पताल आ रहे हैं। आंखों से अक्सर पानी आने लगता है।
प्रोफेसर सुदर्शन ने कहा कि प्रदूषण की इस लहर के चलते हमारी आंखों को ऑक्सीजन मिलना काफी कम हो जाता है। जब हम कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो उसे हमारी आंखों को 70-80 फीसदी ऑक्सीजन मिलता है, क्योंकि आंकड़ों के ऊपर एक लंसज की परत होती है, जिससे ऑक्सीजन मिलना कम हो जाता है, लेकिन ये प्रदूषण की परत उस लेंस से भी ज्यादा मोटी होती है और इसके चलते सिर्फ 30-40 पर्सेंट ही ऑक्सीजन मिलता है। यानी की प्रदूषण बढ़ने से आंखों को ऑक्सीजन मिलना कम हो जाता है, क्योंकि हमारी आंखों में कॉर्निया भी ब्रीद करते हैं।
उन्होंने कहा कि कई बार हम लोग अपनी आंखों को रगड़ने लगते हैं जो बेहद खतरनाक है। वह कॉर्निया को डैमेज कर सकता है। बार-बार रगड़ने से असर हो सकता है जो हमारी आंखों की रोशनी तक को छीन सकता है। इसके अलावा पॉल्यूशन के चलते आंखों में जलन होना और आंखें लाल होना जैसे कारण भी दिखाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि जरूरी है कि आप अपनी आंखों को लगातार वॉश करें। साफ पानी से आंखों में छींटे मारें। इसके साथ ही जब भी बाहर जाएं तो चश्मों का इस्तेमाल करें, लेकिन ये ज्यादा समय तक तो आपको प्रोटेक्ट नहीं कर सकते। इसके लिए जरूरी है कि ज्यादा समय आप पॉल्यूशन में न आ रहें। बच्चों और बुजुर्गों में इसका ज्यादा खतरा है, क्योंकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे आंखों का कॉर्निया ज्यादा कमजोर होने लगता है, इसलिए बुजुर्गों को प्रदूषण में अपनी आंखों के बचाव के लिए बाहर जाने से बचना चाहिए।
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Created On :   29 Oct 2025 7:55 PM IST












