भारत ने 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' अभियान के तहत तीन गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाए
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत ने महिलाओं और परिवारों के स्वास्थ्य को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ के तहत तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि यह उपलब्धि निवारक स्वास्थ्य देखभाल और महिलाओं के कल्याण के प्रति देश की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इन रिकॉर्डों में एक महीने में स्वास्थ्य सेवा प्लेटफॉर्म पर सबसे अधिक पंजीकरण (3.21 करोड़ से अधिक), एक सप्ताह में ऑनलाइन स्तन कैंसर जांच के लिए सबसे अधिक पंजीकरण (9.94 लाख से अधिक) और एक सप्ताह में राज्य स्तर पर ऑनलाइन महत्वपूर्ण संकेतों की जांच के लिए सबसे अधिक पंजीकरण (1.25 लाख से अधिक) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चला, जो पोषण माह के साथ मेल खाता था। इसका उद्देश्य महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाना, बीमारियों का शीघ्र पता लगाना और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बढ़ावा देना था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा था कि हमारी माताएं और बहनें हमारे राष्ट्र की प्रगति की नींव हैं। अगर एक मां स्वस्थ है तो पूरा परिवार स्वस्थ रहता है।
इस अभियान ने देश के हर जिले को कवर करते हुए असाधारण जनभागीदारी सुनिश्चित की। इसके तहत 19.7 लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन हुआ और 11 करोड़ से अधिक लोगों ने विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं में भाग लिया। इस राष्ट्रव्यापी पहल में 20 से अधिक मंत्रालयों, केंद्र सरकार के संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और निजी संगठनों ने भाग लिया। सांसदों, विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों की भागीदारी के साथ यह एक 'संपूर्ण सरकारी प्रयास' बन गया।
इसके अलावा, 5 लाख से अधिक पंचायती राज प्रतिनिधियों, 1.14 करोड़ छात्रों, 94 लाख स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं और 5 लाख से अधिक सामुदायिक मंचों के सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े जन स्वास्थ्य आंदोलनों में से एक बन गया।
स्वास्थ्य प्रभाव के स्तर पर इस अभियान के दौरान 1.78 करोड़ उच्च रक्तचाप, 1.73 करोड़ मधुमेह, 69.5 लाख मुख कैंसर और 62.6 लाख प्रसवपूर्व देखभाल जांचें की गईं। साथ ही, 1.43 करोड़ टीके लगाए गए, 1.51 करोड़ एनीमिया जांचें हुईं और 85.9 लाख से अधिक महिलाओं की तपेदिक तथा 10.2 लाख महिलाओं की सिकल सेल रोग जांचें की गईं। इसके अलावा, 2.14 करोड़ से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य परामर्श और सत्रों में भाग लिया।
भारत की तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए 'माई भारत' के स्वयंसेवकों की मदद से 2.68 लाख से अधिक निक्षय मित्रों को पंजीकृत किया गया। यह अभियान न केवल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करता है, बल्कि भारत के स्वस्थ, सशक्त और समावेशी भविष्य की दिशा में एक निर्णायक कदम भी साबित हुआ है।
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Created On :   31 Oct 2025 10:47 PM IST












