जीविका दीदी की रसोई से बिहार में बदली लाखों महिलाओं की जिंदगी, परिवार का बेहतर कल देखकर खुश
नालंदा, 1 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के घोषणापत्रों में तमाम बड़ी और लोकलुभावन घोषणाएं की जा चुकी हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में महिलाएं केंद्र में बनी हैं। जिस तरह से मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना और दिल्ली में महिला समृद्धि योजना गेम चेंजर साबित हुई थी, उसी तरह बिहार में इस बार जीविका दीदी योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती दिख रही है।
यही वजह है कि नीतीश कुमार की सरकार जहां मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत जीविका समूह से जुड़ी लाभार्थी महिलाओं को 10-10 हजार रुपए दे रही है, वहीं तेजस्वी यादव ने राजद की सरकार आने पर जीविका दीदियों को 30-30 हजार रुपए देने की बात कही है।
ऐसे में जीविका दीदी समूह से जुड़ी महिलाओं ने शनिवार को आईएएनएस के साथ बातचीत की और बताया कि कैसे इस योजना ने उनके जीवन को बदल दिया है।
जीविका दीदी पुष्पा का कहना है कि उनको जीविका से जुड़े हुए 15 साल हो गए हैं। इससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। बच्चे गांव में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और वह यहां अच्छे से अपना जीवन गुजार रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले वह गांव में रहकर मजदूरी करती थीं, जिसमें कम कमाई होती थी। कमाई कम होने की वजह से बच्चे पढ़ नहीं पाते थे, लेकिन जबसे वह जीविका दीदी से जुड़ी हैं, तब से उनका जीवन ही बदल गया है।
अब पैसा मिल रहा है। बच्चे स्कूल जा रहे हैं और जीवन भी अच्छे से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि जीविका दीदी के माध्यम से वह कैंटीन से जुड़ी थीं। यहां बहुत कुछ सीखने को मिला।
पुष्पा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महिलाओं को और आगे बढ़ाया जाएगा और उनको आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है, जिससे उनको बहुत खुशी मिली है। उन्होंने कहा कि बिहार में जीविका दीदी को 10 हजार रुपए मिलते हैं, जिसमें मैं भी शामिल हूं। इस पैसे से मैंने एक सिलाई मशीन खरीद ली। उन्होंने कहा कि अब वह कपड़े सिलेंगी और जीवन को और बेहतर बनाएंगी।
जीविका दीदी सुजंती देवी ने कहा कि जीविका दीदी रसोई से जुड़ने के बाद उन्हें बहुत फायदा हुआ है। परिवार ठीक से चल रहा है और बच्चे पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले वह गांव में रहकर बकरी पालती थी और घास-भूसा का काम करती थी। अब रोजगार मिला है तो सब छोड़ दिया है। घर-परिवार भी चला रही हूं और सुरक्षित भी महसूस कर रही हूं।
उन्होंने बताया कि जब जीविका दीदी से नहीं जुड़े थे तो गांव में रहकर घास काटते थे और दो रुपए कमाते थे, लेकिन अब रोजगार मिला है और वेतन मिल रहा है तो दुनिया ही बदल गई है। अब मैं नया घर बनाऊंगी और बाल-बच्चों को अच्छे से पढ़ाऊंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार कह रहे हैं कि जीविका दीदी को अब लखपति दीदी बनाने का काम किया जाएगा, इससे बहुत खुशी मिली है।
जीविका दीदी संजू देवी कहती हैं कि पहले दिल्ली में रहकर कारीगरी का काम करते थे, लेकिन अब जीविका दीदी रसोई में काम कर रही हैं। बिहार में आकर बहुत अच्छा लग रहा है, मेरा जीवन ही बदल गया है। गांव में रहने से किराया भी बच गया है। बच्चों की भी देखभाल ठीक से हो पा रही है। बच्चे सही से स्कूल भी जा रहे हैं।
पहले दूसरों पर आश्रित रहना पड़ता था, अब मेरी खुद की कमाई हो रही है। मेरे पति ऑटो चलाते हैं। पहले उनकी कमाई में गुजारा नहीं होता था, लेकिन अब मैं भी कमा रही हूं तो सब ठीक हो गया है।
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Created On :   1 Nov 2025 10:45 PM IST












