सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर व वैश्विक सुरक्षा विषयों पर लिखी पुस्तक का किया विमोचन

सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर व वैश्विक सुरक्षा विषयों पर लिखी पुस्तक का किया विमोचन
ऑपरेशन सिंदूर, यूक्रेन युद्ध और गाजा जैसे समकालीन संघर्षों का विश्लेषण एक पुस्तक द्वारा करने का प्रयास किया गया है। विश्लेषण करते हुए पुस्तक के माध्यम से यह बताया गया है कि इनसे भारत के लिए क्या रणनीतिक सबक मिलते हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर यह पुस्तक भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह ने लिखी है।

नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। ऑपरेशन सिंदूर, यूक्रेन युद्ध और गाजा जैसे समकालीन संघर्षों का विश्लेषण एक पुस्तक द्वारा करने का प्रयास किया गया है। विश्लेषण करते हुए पुस्तक के माध्यम से यह बताया गया है कि इनसे भारत के लिए क्या रणनीतिक सबक मिलते हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर यह पुस्तक भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह ने लिखी है।

भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह द्वारा लिखित इस पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक भारत के बदलते सुरक्षा परिदृश्य पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है और राष्ट्रीय व वैश्विक सुरक्षा मुद्दों को समझने के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण एवं ‘एनालिटिकल टूलकिट’ प्रदान करती है।

इस अवसर पर जनरल द्विवेदी ने लेखक के अनुभव और दृष्टिकोण की सराहना की। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का मानना है कि यह पुस्तक न सिर्फ सशस्त्र बलों के अधिकारियों बल्कि रणनीतिक समुदाय, नीति-निर्माताओं और शोधकर्ताओं के लिए भी उपयोगी संदर्भ अध्ययन सामग्री साबित होगी।

बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केजे सिंह भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के पूर्व सेना कमांडर रह चुके हैं।

उन्होंने अपनी इस पुस्तक में भारत की रक्षा तैयारी, सीमाओं के प्रबंधन और बदलते क्षेत्रीय एवं वैश्विक समीकरणों पर विस्तृत चर्चा की है। पुस्तक में समकालीन संघर्षों जैसे कि ऑपरेशन सिंदूर, यूक्रेन युद्ध और गाजा संघर्ष का विश्लेषण किया गया है। यह बताया गया है कि इनसे भारत के लिए क्या रणनीतिक सबक मिलते हैं और भविष्य में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति किस दिशा में विकसित हो सकती है।

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केजे सिंह की यह पुस्तक आधुनिक युद्ध, रक्षा सुधार, सैन्य आधुनिकीकरण और निर्णय-प्रक्रिया की जटिलताओं को समझने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका के रूप में उभरती है।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह पुस्तक भारत की सुरक्षा चिंताओं, आत्मनिर्भरता के प्रयासों और वैश्विक शक्ति-संतुलन में देश की भूमिका पर एक गहन और विचारोत्तेजक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। भारतीय सेना ने कहा कि यह पुस्तक भारत की रणनीतिक सोच और सुरक्षा संरचना को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो युवाओं, रक्षा विश्लेषकों और सैन्य इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए प्रेरणास्रोत सिद्ध होगी।

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Created On :   3 Nov 2025 8:06 PM IST

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